अनाधिकृत रूप से चेन पुलिंग करने वालों विरुद्ध प्रयागराज मण्डल चला रहा निरंतर अभियान07 दिनों में सामने आये 169 प्रकरण — अभिषेक गुप्ता

अनाधिकृत रूप से चेन पुलिंग करने वालों विरुद्ध प्रयागराज मण्डल चला रहा निरंतर अभियान
07 दिनों में सामने आये 169 प्रकरण — अभिषेक गुप्ता
रेलवे सुरक्षा बल ने 68 लोंगों को किया गिरफ्तार
प्रयागराज मण्डल अपने सम्माननीय यात्रियों को संरक्षित, सुरक्षित एवं समय से उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए सदैव प्रयत्नशील रहा है। रेल गाड़ियों के परिचालन समय को प्रभावित करने वाले कारको में से एक कारक, अनाधिकृत चेन पुलिंग किया जाना भी है। रेलवे द्वारा चेन पुलिंग की व्यवस्था विशेष/आपात स्थिति के लिए की गई है, परन्तु कई बार सामान्य स्थिति में भी अकारण चेन पुलिंग की जाती है। चेन पुलिंग के कारण चेन पुल की गई गाड़ी के अलावा उसके पीछे चलने वाली रेल गाडिया भी विलंबित/प्रभावित होने से समय और सह यात्रियों को भी असुविधा होती है।

बिना किसी उचित कारण के चेन पुलिंग करने वालों के विरुद्ध भारतीय रेल अधिनियम 1989 की धारा 141 के तहत कार्यवाही करने, जिसमें एक वर्ष तक का कारावास या एक हजार रुपये तक का जुर्माना अथवा दोनों दंड का प्रावधान है।
इसी क्रम में दिनांक 27.10.2023 से दिनांक 02.11.2023 के मध्य प्रयागराज मंडल में वृहद् रूप से चेन पुलिंग करने वालों के विरुद्ध अभियान चलाया गया, इस अभियान के दौरान अनाधिकृत रूप से चेन पुलिंग करने के 169 मामले प्रकाश में आए, जिसमें रेलवे सुरक्षा बल द्वारा कारवाही करते हुए 68 लोंगो को अरेस्ट भी किया गया | जिसमें प्रयागराज जंक्शन रेलवे स्टेशन पर 11, कानपुर सेन्ट्रल स्टेशन पर 12 , अलीगढ रेलवे स्टेशन पर 14 , इटावा रेलवे स्टेशन पर 6 एवं मिर्जापुर रेलवे स्टेशन पर 03 लोगो को अनाधिकृत रूप से चेन पुलिंग करने के लिए अरेस्ट किया गया| इसी तरह अन्य स्टेशनो पर भी अकारण चेन पुलिंग करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही गयी |

रेल सुरक्षा बल प्रयागराज मंडल द्वारा प्रभावित स्टेशन/गाडियों को चिन्हित कर अनाधिकृत रूप से चेन पुलिंग की रोकथाम हेतु यात्री गाडियों की निगरानी, स्टेशन उद्घोषणा प्रणाली के माध्यम से उद्घोषणा एवं अभियान चलाकर बिना किसी उचित कारण के चेन पुलिंग ना करने के लिए जागरूक किया जाता है।
यात्रियों से अपील है कि वह बिना किसी उचित कारण के खतरे की जंजीर खींचकर अपने को परेशानी में ना डालें और साथी यात्रियों को अनावश्यक कष्ट ना दें। इस प्रकार के कृत्य से ट्रेनों की समय पालनता प्रभावित होने के साथ ही सह यात्रियों को भी असुविधा होती है।

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