जिला संवाददाता मोहम्मद रफीक
।। अलाव न जलने से लोगों में आक्रोश।।
चहनियां -इस समय जनपद में ठंड अपने शबाब है, ठंड से मानव, पशु -पक्षी सबका जीवन जीना दुश्वार हो गया है। ठंड हवाएं मानव जीवन पर तीक्ष्ण प्रहार कर रही है। लोग घर से बाहर निकल नहीं रहें हैं। लेकिन जिम्मेदारी व जरूरत उन्हें घर से बाहर निकलने पर मजबूर कर रही है। किसान रातों में जागकर फसल की सिंचाई कर रहा है। ठंड से मानव परेशान हैं लेकिन जिम्मेदारी का बोझ व पेट की भूख उसे ठंड में काम करने के लिए मजबूर कर दे रही है।
,,गरीबी कान छिदवाती और उसमें , तिनका डाल देती है।।
आशय यह है कि सूबे में ठंड बहुत पड़ रही है जीवन की रफ्तार थम सी गई है लोग ठंड से मर रहे हैं और कुछ लोग ठंड में हाफ हाफ कर जी रहे हैं।
ठंड से बचने हेतु लोग जिसके पास जो गर्म करने का उपकरण है प्रयोग कर रहा है सरकारी दफ्तरों में हीटर और ब्लोवर चल रहे हैं कर्मचारी आराम से ऊष्मा क्षेपी संसाधनों का भोग कर रहे हैं, सभी सरकारी दफ्तरों, अस्पतालों पर अलाव जल रहें हैं लेकिन आम जनता और गरीबों को एक तिनका भी नहीं जो उसे ठंड से बचाने में सहायक हो।
,,हमने इस जहां में बहुत से तुफां देखें,
ठंड से सिकुड़ते इंसान देखें,
कहीं जलाने को लकड़ी तक नहीं,
कहीं चंदन से जलते शमशान देखें।।,,
सरकार द्वारा जारी फ़रमान में हर साल की तरह इस साल भी सार्वजनिक स्थानों, चौराहों पर अलाव जलनें के लिए अलाव की व्यवस्था की गई है, अलाव के लिए सरकार द्वारा बजट भी पास हो गया है और कागजों पर जगह जगह अलाव का पैसा भी खर्च हो गया है लेकिन कहीं चौराहे, सार्वजनिक स्थानों पर अलाव का पता ही नहीं लोग ठंड से बचने हेतु अलाव जलनें का इंतजार कर रहे हैं । चंदौली जनपद में लकड़ी की कोई कमी नहीं है, चंदौली से सैदपुर तक फ़ोर लेन सड़क निर्माण तेजी पर है सड़क किनारे खड़े सभी पेड़ उखाड़ दिए गए हैं वन विभाग सभी लकड़ियां काट कर अपने विभाग पर जमा कर दिया है फिर भी जनपद में अलाव की समस्या।सारे अलाव अधिकारीयों के बंदरबांट में कागज पर जल गया है लेकिन कहीं भी जनपद में ठंड से बचाव हेतु कोई व्यवस्था नहीं है। सरकार द्वारा रोज़ चैनलों पर अलाव जलनें का का शोर चरम पर है,,लेकिन जंगल में मोर नाचा किसने देखा, । कुछ नेता, मंत्री विधायक, सांसद कहीं कहीं एक दो लकड़ी देकर अखबार की सुर्खियां के शीर्ष पायदान पर पहुंच गए हैं।। कुछ दानवीर हल्के कंबल वितरित कर सुर्खियां बटोर रहे हैं लेकिन इस कंबल से न तो गरीब की ठंड बीतेगा न ही गरीबी लेकिन फिर भी वो बधाई के पात्र हैं जो कुछ गरीबों की मदद कर रहे हैं।पुस की रात में जब ठंड हवाएं बेधती है तो गरीब आसमान की तरफ मुंह करके गरीब भगवान से कहता है कि हे प्रभु!आपके पास तो चांद जैसी अंगीठी है जिससे आप हाथ सेक लेते हैं और आप को ठंड नहीं लगती कास हम गरीबों के पास भी कोई ऐसी अंगीठी होती।
,,कहीं मंदिरों में दिया नहीं
कहीं मस्जिदों में दुआ नहीं।
मेरे शहर में खुदा तो बहुत हैं मगर आदमी का पता नहीं
मगर आदमी का पता नहीं।।,,
गंगा नदी और अन्य नदियों के किनारे बसे गरीब तो इस क़दर ठंड से परेशान हैं कि शमशान घाट पर बचीं और जलती हुई लकड़ी से खाना और ठंड से बचने हेतु अलाव का इस्तेमाल कर रहे हैं।
मौसम विभाग द्वारा जारी सूचना के अनुसार अभी जनपद में तेज़ और ठंड हवाएं चलने का अनुमान है जिससे ठंड और बढ़ सकती हैं ऐसे में सरकार को चाहिए कि सभी सार्वजनिक स्थानों पर अलाव की व्यवस्था करें जिससे किसी भी तरह की कोई परेशानी ना हो।।