मानवाधिकार मीडिया से संवाददाता दिलीप वर्मा की रिपोर्ट।
उन्नाव जनपद जिला स्वास्थ्य केंद्र पर एक मामला सामने आया है जिसमें महिला मरीज के पेट में दर्द होने के दौरन आशा बहू के साथ उन्नाव के जिला अस्पताल पहुंची जहाँ पर डाॅक्टर ने अल्ट्रासाउंड करने के बाद पेट में बच्चे की मृत्यु होने की पुष्टि की इसके बाद महिला मरीज से सफाई करने के लिए आशा बहू ने मांगे पैसे मरीज व मरीज के तीमारदारों ने कहा कि पैसे तो हमारे पास नहीं है इसलिए तो मैं सरकारी अस्पताल आई हूं अगर मेरे पास पैसे की व्यवस्था होती तो सरकारी अस्पताल आने की मुझे क्या जरुरत थी मैं बहुत गरीब हूं मेरे पास पैसे नहीं है इस पर आशा बहू ने कहा कि पैसे तो लगेंगे ही बिना पैसे के कोई भी काम नहीं होता है। मरीज के पेट में दर्द बढ़ाने के कारण महिला मरीज ने अपनी शिकायत मुख्य चिकित्सा अधिकारी से की जिस पर चिकित्सालय डाॅक्टर अरविंद कुमार आनंद जी से की और उनके समक्ष अपनी समस्या रखी और पैसे मांगे जाने की बात भी बतायी यह सब सुनकर डाॅक्टर साहब को बहुत गुस्सा आया और डाॅक्टर साहब ने उस आशा बहू को डांट फटकार लगाई और कहां आगे से मुझे कोई शिकायत नहीं मिलनी चाहिए अगर दोबारा किसी प्रकार की कोई शिकायत मिली तो किसी को भी बख्शा नहीं जायेगा उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। वही डाॅक्टर साहब ने मरीज को संतुष्ट किया और कहा मेरे होते हुये किसी भी मरीज का कोई पैसा नहीं लगेगा जिसकी जो भी समस्या होगी उसका सारा इलाज सारी दवा अस्पताल से फ्री मिलेगी अगर मरीज को किसी प्रकार की असुविधा होती है तो मरीज सीधे जाकर मुझे अपनी समस्या बताये मैं इसीलिए बैठा हूं कि कोई भी मरीज को किसी भी प्रकार की असुविधा ना डाॅक्टर साहब के ऐसे अश्वासन से मरीज की आंखों में खुशी के आंसू छलकने लगे और मरीज ने कहा मैने तो हमेशा यहीं सुना था कि डाॅक्टर भगवान का दूसरा रूप होतें है लेकिन आपके पास आने के बाद मुझे सचमुच महसूस हुआ कि आप भगवान ही हैं और कहां की अगर आप जैसे सारे डॉक्टर अच्छे से मरीजों की बात सुनने लगे तो कोई भी मरीज प्राइवेट हॉस्पिटल की तरफ रूख नही करेंगे।