आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय, भारत सरकार ने की स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 के राष्ट्रीय पुरस्कारों की घोषणा
उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री श्री ए.के. शर्मा की अगुवाई में वाराणसी को भारत के सबसे स्वच्छ गंगा टाउन का प्रथम तथा प्रयागराज को मिला दूसरा पुरस्कार
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंत्री ए.के. शर्मा को पुरस्कार देकर किया सम्मानित
यूपी के दो शहरों को पहली बार स्वच्छता के लिए सर्वाेच्च राष्ट्रपति पुरस्कार मिला
राष्ट्रीय पुरस्कार पाने वाले देश के 10 शहरों में से 02 यूपी के
उत्तर भारत क्षेत्र में प्रदेश के तीन अन्य शहरों को पहली बार मिला क्षेत्रीय पुरस्कार
नोएडा, ग़ाज़ियाबाद, अलीगढ़, आगरा, फ़िरोज़ाबाद, लखनऊ, कानपुर, झाँसी, गोरखपुर, वाराणसी को मिला राज्य पुरस्कार
उत्तर प्रदेश ने इन पुरस्कारों में अभूतपूर्व प्रदर्शन किया…जैसा पहले कभी नहीं हुआ
यूपी ने कचरा मुक्त शहरों में उत्कृष्ठ प्रदर्शन और रैंकिंग में जबरदस्त सुधार किया
ऐसे शहरों में पिछले दो वर्षों में 13 गुना की वृद्धि हुई
दो वर्षों में यूपी ने अपने सभी शहरों और कस्बों को खुले में शौचमुक्त बनाने में भी बड़ी सफलता हासिल की
-श्री ए.के. शर्मा
लखनऊ: 11 जनवरी, 2024
आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय, भारत सरकार ने स्वच्छता पर स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 के राष्ट्रीय पुरस्कारों की घोषणा की, जिसमें उत्तर प्रदेश के दो नगरों वाराणसी को भारत के सबसे स्वच्छ गंगा टाउन का प्रथम एवं प्रयागराज को द्वितीय पुरस्कार मिला। माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी के कर-कमलो से आज गुरूवार को नई दिल्ली में आयोजित स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार समारोह में राष्ट्रीय पुरस्कार लेने के बाद यूपी के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री श्री ए.के. शर्मा ने कहा कि इस बार यूपी ने एक इतिहास रच दिया है, क्योंकि यह पहली बार है कि प्रदेश के दो प्रमुख शहरों को राष्ट्रीय पुरस्कार मिला।
श्री ए.के. शर्मा ने आगे कहा कि माननीय प्रधानमंत्री जी के आशीर्वाद और मा. मुख्यमंत्री जी के मार्गदर्शन में हमने यूपी के शहरी प्रबंधन में बहुत बड़ा बदलाव लाया है। नगर विकास विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई देते हुए मंत्री ए.के. शर्मा ने कहा, हम अगले साल और भी बेहतर प्रदर्शन करेंगे। इस अवसर पर उनके साथ नगर विकास विभाग एवं पुरस्कृत नगर निकायों के उच्च अधिकारी भी उपस्थित रहे।
मंत्री श्री ए.के. शर्मा ने कहा कि भारत के स्वच्छ सर्वेक्षण-2023 में यूपी के दो शहरों वाराणसी एवं प्रयागराज को पहली बार स्वच्छता के लिए सर्वाेच्च राष्ट्रपति पुरस्कार मिला। स्वच्छता का राष्ट्रीय पुरस्कार पाने वाले देश के 10 शहरों में से 02 यूपी के ही हैं। देश के उत्तर भारत क्षेत्र में प्रदेश के तीन अन्य शहरों को पहली बार क्षेत्रीय पुरस्कार भी मिला। उत्तर प्रदेश ने इन पुरस्कारों में अभूतपूर्व प्रदर्शन किया…जैसा पहले कभी नहीं हुआ।
इसी प्रकार यूपी ने कचरामुक्त शहरों (जीएफसी) में भी उत्कृष्ठ प्रदर्शन किया और रैंकिंग में जबरदस्त सुधार हुआ। ऐसे शहरों में पिछले दो वर्षों में 13 गुना की वृद्धि हुई है। साथ ही दो वर्षों में यूपी ने अपने सभी शहरों और कस्बों को खुले में शौचमुक्त (ओडीएफ) बनाने में भी बड़ी सफलता हासिल की है।
मंत्री ने कहा कि भारत सरकार के आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 के घोषित परिणामों में उत्तर प्रदेश राज्य ने उल्लेखनीय रूप से अच्छा प्रदर्शन किया है। वर्ष 2023 के स्वच्छता सर्वे में यूपी के दो महानगरों को राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। इसमें वाराणसी और प्रयागराज शामिल हैं, यह एक बड़ी उपलब्धि है। क्योंकि पूरे देश में कुल 10 शहरों को यह राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है, जिनमें से दो यूपी के ही हैं। इसके पहले इतनी बड़ी संख्या में यूपी को यह राष्ट्रीय पुरस्कार नहीं मिला है। वाराणसी को थ्री स्टार गार्ब्रेज फ्री सिटी रेटिंग तथा प्रयागराज को वाटर प्लस सिटी का दर्जा भी मिला है।
इसके अलावा देश में जोनल स्तर पर उत्तर भारत क्षेत्र में यूपी के तीन शहरों को क्लीन सिटी नार्थ जोन का भी पुरस्कार मिला। इनमें बरवर, अनूपशहर और गजरौला शामिल हैं। एक लाख की आबादी में क्लीन सिटी का राज्य स्तरीय पुरस्कार नोएडा को मिला। साथ ही महुआ ने जीएफसी और ओडीएफ परिणाम भी घोषित किए हैं, जिसमें इस वर्ष यूपी में 65 शहरों को कचरा मुक्त शहर के रूप में प्रमाणित किया गया है। वर्ष 2021 में केवल 05 शहर ही जीएफसी थे। इस प्रकार, दो वर्षों में इसमें 13 गुना की वृद्धि हुई है। जीएफसी शहरों में वन स्टार के 56, थ्री स्टार के 08 और फाइव स्टार के एक शहर शामिल हैं। यूपी इस वर्ष अनेक और कचरा मुक्त शहरों का प्रमाणन हासिल करने का लक्ष्य बना रहा है। इस वर्ष यूपी के सभी शहर ओडीएफ हो गए हैं। ओडीएफ की विभिन्न श्रेणी में 02 यूएलबी ने पहली बार वाटर प्लस प्रमाणन हासिल किया है। यूपी ने यह वॉटर प्लस सर्टिफिकेशन पहले कभी हासिल नहीं किया था।
इसी प्रकार ओडीएफ की अन्य श्रेणी में 129 यूएलबी को ओडीएफ$$ के रूप में प्रमाणित किया गया है, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 40 था। 435 यूएलबी को ओडीएफ$ के रूप में प्रमाणित किया गया है जबकि पिछले साल इनकी संख्या 411 थी। इन सब श्रेणियों को मिलाकर यूपी के सभी शहर अब ओडीएफ हो गए हैं। श्री एके शर्मा ने कहा कि हमने एक ऐतिहासिक समस्या से निजात पाई है। अब हमारा लक्ष्य सभी नगरों के लिए ओडीएफ$$ के उच्च मानकों को हासिल करना है और स्वच्छता में वैश्विक मापदंडों तक पहुंचने की हमारी कोशिश है।
श्री शर्मा ने इन ऐतिहासिक उपलब्धियों के लिये नगरीय निकाय कर्मियों, अधिकारियों एवं नेतृत्व को बधाई दी और कहा कि सफ़ाई कर्मियों के इस अथक परिश्रम के लिए उन्हें नमन करता हूँ।
सम्पर्क सूत्र-सी0एल0 सिंह