शक्तिनगर(सोनभद्र)। संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार एनटीपीसी सिंगरौली एवं इफको के सहयोग से ख्यातिलब्ध रंग संस्था समूहन कला संस्थान द्वारा एनटीपीसी सिंगरौली में तीन दिवसीय नाट्य समारोह का आयोजन किया गया। नाट्य समारोह के प्रथम दिवस में पारिवारिक मूल्यों में भौतिकता के कारण आयी गिरावट का जीवंत चित्रण करती नाट्य प्रस्तुति ‘‘हंसुली’’ का हृदयस्पर्शी मंचन लोगो के दिलों में उतरने में सफल रही। नाट्य समारोह के दूसरे दिन नाटक “सुन लो स्वर पाषाण शिला के” का अद्भुत मंचन हुआ। नाटक ‘‘सुन लो स्वर पाषाण शिला के’’ राम कथा का ऐसा प्रसंग है जो भगवान राम के जीवन के आरम्भ में आता है परन्तु भगवान राम के जीवन का महत्वपूर्ण प्रसंग है। यह अहिल्या प्रसंग पर आधारित रामकथा का नारी स्वर है, जो उनको पुरूषोत्तम रूप में सामाजिक मर्यादा प्रदान करता है।
नाट्य समारोह के तीसरे दिन “दाखिला डॉट काम”(हास्य नाटक) का सफल मंचन किया गया जिसके मूल कहानीकार-कामता नाथ हैं एवं इसका रूपांतरण-सुरेश लहरी द्वारा किया गया। इस नाटक की प्रस्तुति परिकल्पना एवं निर्देशन-सुश्री रोजी मिश्रा द्वारा किया गया।
“दाखिला डॉट काम”(हास्य नाटक) शिक्षा व्यवस्था पर करारा व्यंग्य हैं जिसमे एक पिता अपने बच्चे का प्रवेश प्राइवेट स्कूल में कराने के लिए काफी संघर्ष करता हैं परंतु शिक्षा व्यवस्था में व्याप्त भ्रष्टाचार की वजह से नामांकन कराने में असफल रहता हैं, हालांकि प्रभावशाली व्यक्ति के दबाब में आकर बच्चे का नामांकन हो जाता हैं, परंतु यह नाटक यह संदेश देता हैं कि शिक्षा के निजीकरण में आम आदमी हासिए पर चला गया हैं। “दाखिला डॉट काम” उकरेने में रोज़़ी मिश्रा का निर्देशन और कलाकारो का अभिनय सराहनीय रहा।
संदीप कुमार ‘देव’, अहाना श्रीवास्तव, अभय प्रताप मि़त्रा, अक्षय दीक्षित, अभय सिंह, अविनाश सिंह, आद्या मिश्रा आदि ने अपनी भूमिकाओ के साथ न्याय किया। अजय कुमार, सुनील कुमार, राहुल मौर्या, हिमेश, वैभव बिन्दुसार और राजन कुमार झा ने भी दृश्य स्थापित करने में अभिनय का सराहनीय योगदान दिया। सरदार दोस्त की भूमिका में अभय सिंह एवं ताऊ की भूमिका में अविनाश सिंह ने दर्शकों के लिए हास्य की अच्छी स्थिति उत्पन्न की। संगीत प्रभाव और पाश्र्व मंच की भागीदारी ने भी नाटक को गति प्रदान की। वर्तमान व्यवस्था पर हास्य व्यंग्य से भरा यह नाट्य संध्या सुखद और विचारणीय रहा।
तीन दिवसीय समूहन नाट्य समारोह में एम्बियांस प्रस्तुतियों के रूप में संगीतमय प्रस्तुतियां भी सम्पन्न हुई। महक माटी की प्रस्तुति में कुमार अभिषेक ने भजन ‘तेरी बीती उमरिया रे’, बनारसी झूला ‘सिया संग झूमे बगिया मे राम ललना’ आदि कई गीत प्रस्तुत करके दर्शकों को आनंदित किया।
वैभव बिंदुसार ने ‘कुछ गीत-कुछ गज़ल’ के अन्तर्गत रफ्ता रफ्ता आप मेरे, मंगल गाओ चैक पुराओ के गायन से श्रोताओं को हर्षित किया। रितिका सिंह ने पिया तोसे नैना लागे रे,भोर भई पनघट पे तथा आपकी नजरों ने समझा आदि गाकर तालियां बटोरी। साथी कलाकार के रूप में गौरव शर्मा तबला तथा ढोलक पर, अभिषेक सिंह बांसुरी पर तथा रिम्पी वर्मा के गायन पर एम्बियांस प्रस्तुतियों में दर्शकगण भी झूम झूम कर साथ देते रहे और तालियां गुंजती रही।
इस राजीव अकोटकर, परियोजना प्रमुख, एनटीपीसी सिंगरौली द्वारा राज कुमार शाह, समूहन कला संस्थान एवं संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार की अत्यंत सराहना की गई। कार्यक्रम में उपस्थित आम-जन द्वारा भी तीन दिवसीय नाटक की प्रशंसा की गई। कार्यक्रम के समापन अवसर पर सभी समूहन कला संस्थान के सभी प्रतिभागियों को उपहार भेंट कर सम्मानित भी किया गया।
इस अवसर पर राजीव अकोटकर, परियोजना प्रमुख, एनटीपीसी सिंगरौली, श्रीमती पीयूषा अकोटकर, अध्यक्षा वनिता समाज, सतीश कुमार गुजरानिया, महाप्रबंधक (प्रचालन एवं अनुरक्षण), अशोक कुमार सिंह, महाप्रबंधक (ऑपरेशन), श्रीमती रंजू सिंह, वरिष्ठ सदस्या, वनिता समाज, देब्ररत कर, महाप्रबंधक (मैंटेनेंस), सिद्धार्थ मण्डल, अपर महाप्रबंधक (मानव संसाधन), श्रीमती नील कमल भोगल, कल्याण प्रभारी, वनिता समाज, श्रीमती सौम्या कर, प्रधानाचार्यगण, पत्रकार बंधु, यूनियन एवं एसोशिएशन के पदाधिकारीगण, वरिष्ठ अधिकारीगण आदि सम्मिलित हुए। कार्यक्रम का संयोजन डॉ ओम प्रकाश, वरिष्ठ प्रबंधक (राजभाषा) द्वारा किया गया।