एस.ए.यादव कंपनी में नहीं रुक रहा हादसों का सफर, फिर हुइ स्कैनिया दुर्घटनाग्रस्त
सुरक्षा मानकों को सुधारने के बजाय कंपनी कर रही लीपा पोती
शक्तिनगर(सोनभद्र)। एनसीएल खड़िया परियोजना खदान अंतर्गत ओवी क्षेत्र कार्यरत एस.ए. यादव कंपनी में आए दिन हो रहे हादसों के कारण कंपनी प्रबंधन और खदान सुरक्षा नियमों पर सवाल उठने लगे हैं। बीते दिनों 41 नंबर की स्कैनिया ओवी डंप करके लौटने के दौरान अनियंत्रित होकर सड़क किनारे लगे पोल से टकरा गई और पलट गई। जिसकी सूचना के बाद अफरा तफरी के माहौल के बीच घायल स्कैनिया ड्राइवर को प्राथमिक की जांच के लिए नजदीकी चिकित्सालय ले जाया गया। दो-तीन दिन पहले भी एक एस.ए. यादव कंपनी की स्कैनिया (गाड़ी संख्या 65) रास्ते में खड़ी डीजल टैंकर से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी, जिसमें ड्राइवर के पैर में गंभीर चोट आई थी। एनसीएल द्वारा प्रत्येक वर्ष खदान सुरक्षा सप्ताह के तहत अपने अधिकारियों कर्मचारियों व संविदा कंपनियों को खदान सुरक्षा के पाठ पढ़ाए जाते हैं। परंतु आउटसोर्सिंग कंपनियों की खदान सुरक्षा नियमों को ताक पर रखकर कार्य करने की शैली के कारण एनसीएल की किरकिरी अक्सर होती है। सूत्रों की मानें तो आउटसोर्सिंग कंपनियों द्वारा स्कैनिया ड्राइवरों पर ज्यादा से ज्यादा चक्कर लगाने का दबाव होने के कारण अक्सर कार्यक्षेत्र में तनाव दुर्घटना के कारण बनते हैं।
पूर्व में भी हुए कई हादसे लेकिन कंपनी नहीं ले रही सबक –
बीते दिनों खड़िया परियोजना में ओबी हटाने के कार्य में लगी एसए यादव कंपनी में कार्य करने के दौरान 29 वर्षीय हेल्पर के छाती में लोहे का टुकड़ा घुस जाने से गंभीर दुर्घटना हुआ था। इसके पूर्व में भी पीसी सेक्शन में एक मजदूर और डोजर सेक्शन में असिस्टेंट मैकेनिक हादसे के शिकार हो चुके हैं। आए दिन हो रहे हादसों से सबक लेने के बजाय कंपनी के जिम्मेदार अधिकारी मूकदर्शक बनकर सब कुछ देख रहे हैं।
खदान सुरक्षा नियमों की अनदेखी या प्रशिक्षित अधिकारी-कर्मचारी की कमी –
आउटसोर्सिंग कंपनी में आए दिन हो रहे हादसे खदान सुरक्षा नियमों की अनदेखी की ओर इशारा करते हैं। सूत्रों के हवाले से प्राप्त जानकारी के अनुसार कंपनी के कई महत्वपूर्ण पदों पर ऐसे लोग बैठे हैं जिन्हें खदान सुरक्षा नियमों या माईनिंग से संबंधित कोई शैक्षणिक या कार्यक्षेत्र का अनुभव नहीं है। परंतु कंपनी के भरोसेमंद होने के कारण उन्हें खदान क्षेत्र में कंपनी प्रबंधन के कार्य देखने के लिए रख दिया गया है।
खदान सुरक्षा अधिकारी (सेफ्टी) के दौरे के बाद भी नहीं सुधरे हालात –
विगत कुछ दिनों पूर्व राघवेंद्र सिंह द्वारा खदान सुरक्षा नियमों (सेफ्टी व ओवरलोड) के संबंध में खदान सुरक्षा निदेशक से एसए यादव कंपनी की शिकायत की थी, जिसके बाद खदान सुरक्षा निदेशक कार्यालय की तरफ से सेफ्टी अधिकारी ने एनसीएल खड़िया खदान का दौरा कर आउटसोर्सिंग कंपनी का जायजा लिया था। परंतु खदान सुरक्षा सेफ्टी अधिकारी के दौरे के बाद भी लगभग आधा दर्जन छोटे-बड़े हादसे साबित करते हैं कि आउटसोर्सिंग कंपनी प्रबंधन द्वारा सुरक्षा मानकों पर कोई विशेष ध्यान नहीं दिया गया या यूं कहें कि खदान सुरक्षा नियमों को भी ठेंगा दिखा दिया गया।