कांग्रेस नपाध्यक्ष को कांग्रेसी षड़यंत्र से बचाया भाजपा सरकार ने नपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव हुआ खारिजटीकमगढ़। नगर पालिका अध्यक्ष अब्दुल गफ्फार पप्पू मलिक के खिलाफ तीन बार अविश्वास प्रस्ताव लाया गया और तीनों बार अविश्वास प्रस्ताव फेल हो गया। लेकिन इस बार का अविश्वास प्रस्ताव कुछ खास और खतरनाक था क्योंकि इस बार कांग्रेस से नपाध्यक्ष पप्पू मलिक के खिलाफ लाये गए अविश्वास प्रस्ताव में कांग्रेसी ही षड्यंत्र के साथ शामिल थे। जिससे नपाध्यक्ष पप्पू मलिक अकेले पड़ गए थे। लेकिन नपाध्यक्ष पप्पू मलिक की किस्मत इतनी जोरदार थी कि इस बार भी बो बच गए। क्योंकि कांग्रेस से नपाध्यक्ष पप्पू मलिक को कांग्रेसी षड़यंत्र से भाजपा की प्रदेश सरकार ने बचा लिया। भाजपा की प्रदेश सरकार द्वारा अध्यादेश लाकर नगरीय निकाय नियमो में संसोधन किया गया। जिसके तहत अब दो वर्ष की जगह तीन वर्ष बाद ही अविश्वास लगाया जा सकता है। साथ ही दो तिहाई की जगह अब तीन चौथाई बहुमत भी चाहिए होगा। अविश्वास प्रस्ताव रद्द होने से षड्यंत्रकारी कांग्रेसियों में दुख की लहर और नपाध्यक्ष के सहयोगियों में खुशी की लहर छा गई।टीकमगढ़ नगर पालिका अध्यक्ष के खिलाफ लगाए गए अविश्वास प्रस्ताव को शनिवार को एडीएम ने खारिज कर दिया है। प्रदेश सरकार के नगरीय निकायों को लेकर जारी किए गए गजट नोटिफिकेशन का हवाला देकर अविश्वास प्रस्ताव की कार्रवाई को निरस्त किया गया है। आज एडीएम का पत्र जारी होते ही नपाध्यक्ष पप्पू मलिक के कार्यकर्ताओ में खुशी की लहर छा गई। इसके साथ ही नपाध्यक्ष के अविश्वास प्रस्ताव का मामला लगभग समाप्त हो गया है।दरअसल, नगर पालिका के 19 पार्षदों ने 20 अगस्त को अध्यक्ष अब्दुल गफ्फार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लगाया था। कलेक्टर ने आगे की कार्रवाई के लिए 2 सितंबर की तारीख तय की थी। इस बीच मप्र की कैबिनेट बैठक में नगरीय निकायों में अविश्वास प्रस्ताव की समय सीमा 2 साल से बढ़ाकर 3 साल कर दी गई।27 अगस्त को इस संबंध में गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया। शासन से जारी अध्यादेश का हवाला देकर शुक्रवार को संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन सागर संभाग ने कलेक्टर अवधेश शर्मा को पत्र जारी किया था। जिसमें अविश्वास प्रस्ताव की समय सीमा दो वर्ष के स्थान पर तीन वर्ष करने की बात कही गई थी।नपा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लगाने के बाद सभी 19 पार्षद गुप्त स्थान पर चले गए थे। इनमें भाजपा के 10, कांग्रेस के 6 और 3 निर्दलीय पार्षद शामिल थे। शुक्रवार को नगरीय प्रशासन सागर के संयुक्त संचालक की ओर से जारी किए गए पत्र के बाद आज सभी 19 पार्षद वापस टीकमगढ़ लौट आए हैं। पिछले 27 सालों के दौरान नपा अध्यक्ष के खिलाफ तीन बार अविश्वास प्रस्ताव लाया गया, लेकिन तीनों बार अध्यक्ष को नहीं हटाया जा सका।