काव्य चकल्लस 2024 के अंतर्गत अखिल भारतीय कवि सम्मेलन कीड़गंज थाने के समीप प्रयागराज में एक से बढ़कर एक रचनाओं के साथ हुआ संपन्न — प्रयागराज मंडल से अभिषेक गुप्ता की रिपोर्ट

काव्य चकल्लस 2024 के अंतर्गत अखिल भारतीय कवि सम्मेलन कीड़गंज थाने के समीप प्रयागराज में एक से बढ़कर एक रचनाओं के साथ हुआ संपन्न — प्रयागराज मंडल से अभिषेक गुप्ता की रिपोर्ट

कवि सम्मेलन में  काव्य चकल्लस के संरक्षक प्रयागराज के महापौर श्री उमेश चंद्र गणेश केसरवानी ने सभी रचनाकारों को शाल स्मृति चिन्ह पगड़ी भेंट कर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि रचनाकारों की पंक्तियों से कविताओं से देश और समाज को दिशा मिलती है।आत्मनिर्भर भारत की कल्पना को साकार करने में रचनाकारों की भूमिका अहम् है, उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में सांस्कृतिक आंदोलन की आवश्यकता को सरकार ने बल दिया है। जिसके परिणाम स्वरूप साहित्यकार पत्रकार कलाकार निर्भीक होकर अपनी कलम और लेखनी से भारत की एकता को और अखंडता को अक्षुण्य बनाने में अपना सहयोग दे रहे हैं।

    रतलाम से पधारी कवियत्री डॉक्टर सुमित्रा सरल ने वाणी वंदना के साथ अपनी  कविताओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर डाला।

न चांदी ही ज़रूरी है न ये सोना ज़रूरी है 

जहाँ मैं ख़ुद से मिल पाऊँ वही कोना ज़रूरी है 

तुम्हारे वास्ते क्या क्या ज़रूरी है तुम्हीं जानो 

मेरे हर एक लम्हे में तेरा होना ज़रूरी है।

इटावा से पधारे ओज के प्रखर हस्ताक्षर डॉक्टर कमलेश शर्मा ने लोगों भाव बिभोर कर डाला।

 उन्होंने पढ़ा,*जतन से संवारी कलम बोलती है*

*कि बनकर दुधारी कलम बोलती है*

*जहां लोग अन्याय पर मौन रहते*

*वहां पर हमारी कलम बोलती है*

कवि सम्मेलन का संचालन कर रही डॉक्टर आभा श्रीवास्तव, मधुर ने अपनी कविताओं से लोगों को मंत्रमुग्ध कर डाला।

झूठ के चेहरे से पर्दा हटाने आई हूं,

आज मैं सच को भी दर्पण दिखाने आई हूं।

 हास्य कवि अखिलेश द्विवेदी ने हास्य कविताओं से खूब गुदगुदाया ।किसी का दर्द बांटोगे तुम्हारे दर्द कम होंगे। 

पराया गम उठाओगे तुम्हारे गम भी कम होंगे। 

चुभे जो शूल हैं दुखियों के पाँव में निकालोगे। 

तुम्हारी राह में बिखरे हुये कांटे भी कम होंगे।             

प्रख्यात गीतकार शैलेंद्र मधुर ने अपने गीतों से श्रोताओं को आह्लादित कर डाला।

तुम्हारी कसम मैं तुम्हें, चाहता हूं

सभी को है गम मैं तुम्हें चाहता हूं।

ये दुनिया है दुनिया की बातों को छोड़ो,

बढ़ाओ कदम मैं तुम्हें चाहता हूं।

इटावा से पधारे देश के प्रख्यात ओज के रचनाकार राम भदावर ने राष्ट्रीय पंक्तियों से श्रोताओं में जोश भरा डाला।

इस मिट्टी की रक्षा ख़ातिर कोई अपना खून बहादे, 

और किसीको अपने बस दो बूँद पसीने की चिंता है।

इधर किसने अपना एक साल खेतों में बो रख्खा है,

उधर किसीको अंगूठी में जड़े नगीने की चिंता है।

हास्य कवि अमित जौनपुरी ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं को भरपूर गुदगुदाया।

लगते फगुनवा करई लोग हल्ला मची देखा, होली मोहल्ला मोहल्ला।

युवा कवि योगेश झमाझम ने अपनी कविताओं से श्रोताओं को जमकर हंसाया।

उसके साथ चलने का मजा कुछ और है छुप छुप कर लात खाने का मजा कुछ और है।

कवि सम्मेलन में अन्य कवियों ने भी काव्य पाठ कर श्रोताओं को आनंदित किया।  कवि सम्मेलन में धन्यवाद ज्ञापन महापौर गणेश केसरवानी जी ने किया।

  कार्यक्रम के संयोजक मनीष केसरवानी,

कवि सम्मेलन में शहर उत्तरी के विधायक इंजीनियर हर्षवर्धन बाजपेई, दीपक पटेल, जिला अध्यक्ष राजेंद्र मिश्रा, राजेश केसरवानी, कृष्णा साहू,रवि केसरवानी, मनीष केसरवानी, सुभाष वैश्य, त्रियुगी नारायण दीक्षित, विवेक अग्रवाल, प्रमोद मोदी,गिरजेश मिश्रा, श्रीकांत केसरवानी ,शैलेंद्र गुप्ता, बबलू जायसवाल ,नितिन केसरवानी, अंचित केसरवानी ,सतीश राव,सचिन मिश्रा, चंद्रशेखर वैश्य,,आनंद जायसवाल ,शिव बाबू साहू, अमरीश जायसवाल ,गोपी केसरवानी ,मुकेश लारा, राममोहन ननका ,अजय जायसवाल ,लल्लन जायसवाल, राजन शुक्ला, राजेश केसरवानी मीडिया प्रभारी उपस्थित रहे।