सफलता की कहानी
उत्तर बस्तर कांकेर । केन्द्र सरकार की चिरायु योजना राज्य के गरीब बच्चों के लिए वरदान साबित हो रही है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत संचालित इस योजना के माध्यम से जिले के कई बच्चे लाभान्वित हुए हैं। जिले के नरहरपुर विकासखण्ड के ग्राम पंडरीपानी निवासी 11 वर्षीय चंद्रभान कड़ियाम और कोयलीबेड़ा के ग्राम गुड़ाबेड़ा निवासी आशीष उसेंडी की आंखों को रोशनी मिली है। अब ये दोनों बालक अपनी आंखों से दुनिया की रंगीनियां देख पा रहे हैं।
इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने बताया कि ग्राम पंडरीपानी निवासी श्री श्री हरिलाल के पुत्र चंद्रभान को जन्म से मोतियाबिंद की समस्या थी। उसके परिवार के सदस्यों को इस बीमारी के बारे में पता नहीं था। चंद्रभान को बचपन से दिखाई नहीं पड़ने के कारण वह स्कूल भी नहीं जाता था। गरीबी के कारण उसे निजी अस्पताल में ले जाकर इलाज करवाना परिवार के लिए सम्भव नहीं था। बताया गया कि जब गांव में कलेक्टर जनदर्शन का आयोजन किया गया तब इस दौरान चंद्रभान की समस्या के बारे में बताया गया। कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया गया। तत्पश्चात चिरायु टीम ने जांच कर उनके पालकों को मोतियाबिंद बीमारी के बारे में बताया। जिला अस्पताल में बच्चे की जांच के उपरांत सर्जरी की सलाह दी गई, फिर मेडिकल कॉलेज अस्पताल रायपुर ले जाकर दाहिनी आंख का सफल इलाज कराया गया। 03 माह पश्चात दूसरी आंख का भी ऑपरेशन हुआ। चिरायु टीम द्वारा बच्चे का समय-समय पर मेडिकल कॉलेज अस्पताल रायपुर में जांच कराया जा रहा है।
इसी तरह विकासखंड कोयलीबेड़ा के ग्राम गुड़ाबेड़ा निवासी आशीष उसेंडी पिता श्री चैतूराम बालक आश्रम भैसाकन्हार “क” में अध्ययनरत है। आशीष को खेलने के दौरान उसकी बायीं आंख में चोट लग गई थी, जिसके कारण उन्हें ठीक से दिखाई नहीं देता था। जब चिरायु टीम द्वारा भ्रमण के दौरान बालक आश्रम भैसाकन्हार “क” में स्वास्थ्य परीक्षण किया गया तो उस बच्चे को ठीक से दिखाई नहीं देने की समस्या का पता चला। इसके बाद चिरायु टीम द्वारा बच्चे को जिला अस्पताल ले जाकर नेत्र रोग विशेषज्ञ द्वारा जांच कराई गई। जांच उपरांत आंख का ऑपरेशन करवाने की सलाह दी गई। चिरायु टीम द्वारा मेडिकल कॉलेज अस्पताल रायपुर ले जाकर आशीष का सफल ऑपरेशन कराया गया। ऑपरेशन के पश्चात बच्चे का नियमित फॉलोअप लिया जा रहा है। इन बच्चों के पिता आज सुबह कलेक्टर डॉ. शुक्ला से मिलकर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्हें एवं स्वास्थ्य विभाग की चिरायु टीम को धन्यवाद दिया।