आजाद मंसूरी
श्रावस्ती । बुधवार को चांद दिखने के बाद ईद-उल- फितर का त्योहार जनपद में आज धूमधाम से मनाया गया। बता दें कि रमजान के पूरे महीने रोजेदारों ने संयम और धैर्य के साथ रोजा रखा और बुधवार को ईद के चांद का दीदार होते ही गुरुवार की सुबह नमाज अदा किए।
बता दें कि इस्लामिक कैलेंडर के 10वें महीने शव्वाल की पहली तारीख को ईद-अल-फितर का त्योहार मनाया जाता है। मंगलवार 09 अप्रैल को सऊदी अरब और खाड़ी देशों में चांद दिखाई देने के बाद वहां बुधवार को ही ईद मनाई गई जबकि भारत के साथ पाकिस्तान में भी ईद गुरूवार यानी 11 अप्रैल को मनाई गई। ईद उल फितर के पर्व को लेकर जनपद में सुरक्षा के कड़े इंतजाम, चप्पे-चप्पे पर पुलिस के साथ 23 जोनल मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई थी, वहीं सोशल मीडिया पर भी कड़ी नजर रखी जा रही थी।
बता दें की वही गुरुवार को इकौना थाना क्षेत्र के अंतर्गत सेमगढ़ा में सुबह 7 बजे से ही आसपास क्षेत्र के लोग ईद की नमाज अदा करने के लिए लोग ईदगाह की तरफ खिंचे चले आ रहे थे तो वही 8 बजे तक ईदगाह नमाजियों से खचाखच भर गया और 8:30 मिनट पर मुस्लिम समुदाय के हजारों की तादात में लोगों ने ईद की नमाज को अदा किया और देश व प्रदेश में अमन शान्ति की दुआ मांगी गई. जिसके बदा एक-दूसरे के गले मिलकर लोगों ने ईद की मुबारकबाद दी.
इस मौके पर ग्राम प्रधान प्रतिनिधि छब्बन खान ने कहा ईद मुसलमानो का सबसे बड़ा और खास त्योहार होता है। रमजान के पूरे महीने रोजा रखने के बाद मुसलमानों को ईद का तोहफा मिलता है। मुस्लिम समुदाय के लोग इस दिन नए कपड़े पहनते हैं। नमाज पढ़ते हैं, लोगों से गले मिलकर प्यार बांटते हैं और मुबारकबाद देते हैं
वही पूर्व प्रधान जालिम खान ने कहा की ईद-उल-फितर, इस्लामी समुदाय का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो मुसलमानों द्वारा उनके धार्मिक आदर्शों और सामाजिक मूल्यों के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार ईद के बाद रमजान माह के अंत में मनाया जाता है, जो मुसलमानों के लिए उपवास और ईबादत का महीना होता है। रमजान में उपवास करते समय और दिनभर ईबादत में लगते समय के बाद, ईद-उल-फितर का आगाज़ चाँद के देखने के साथ होता है। ईद-उल-फितर एक प्रकार की बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है, जिसमें मुस्लिम समुदाय के लोग खुशी और उत्साह के साथ एक-दूसरे को ईद की मुबारकबाद देते हैं। ईदगाह पर लोगों की भारी संख्या को देखते हुए सेमगढ़ा चौकी प्रभारी अवध बिहारी चौबे अपने दल बल के साथ मौजूद रहे।