जनमुद्दा
अंधे और बहरे साबित होते जनप्रतिनिधि और अधिकारी, बार बार ख़बर दिखाने बाद भी खामोशी
शहर की सड़कों की स्थित दिन प्रतिदिन बदहाल होती जा रही है। शहर के लगभग सभी मुख्य जर्जर हो चुके हैं। जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं। जिन पर लोगों का दो पहिया वाहन लेकर चलना भी मुश्किल हो गया है। इसके बावजूद कोई भी विभाग इन बदहाल सड़कों की तरफ ध्यान नहीं दे रहा है। आसपास रहने वाले लोगों और दुकानदारों को भी बदहाल सड़कों से दिक्कत हो रही है।
हम बात कर रहे हैं अंबेडकर चौराहे से नए बस स्टैंड तक तकरीबन 2 किमी शहर तक इनमें से कई गढ्ढे 9 फीट लंबे, 8 फीट चौड़े और 6-8 इंच गहरे है। हालत यह है कि सड़कों के गड्ढे की गिट्टी उछलकर लोगों को चोटिल कर रही है। इसको लेकर लोगों ने कई बार जनप्रतिनिधियों सहित अधिकारियों से भी शिकायत की लेकिन समस्या का निराकरण करने की बजाय अधिकारी विभागों पर जिम्मेदारी डालकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं। लोगों को अंबेडकर चौराहे से नए बस स्टैंड के बीच ऐसे में उनको चोट लेने का डर सताता है। यह सड़क एमपीआरडीसी की है। दो किमी की सड़क पर दोनों तरफ 250 गड्ढे हैं। हैरान करने बाली बात है दुकानदार ने बताया कि हमारी दुकान पर आने वाले लोग अक्सर गाड़ियों के टायरों से उछलने वाली गिट्टी से चोटिल हो जाते हैं।
बाइट 1,2 स्थानीय निवासी