विभिन्न प्रखण्डों से ऑनलाइन जुड़े वक्ताओं ने रखा विचार, सामाजिक समस्याओं के समाधान को लेकर प्रशासन द्वारा उठाये जा रहे कदमों से कराया गया अवगत, बेहतर समाज के निर्माण में मांगा गया सहयोग
युवाओं में नशाखोरी के बढ़ते प्रचलन को रोकने में अभिभावक एवं शिक्षकों से सहयोग की अपेक्षा, बच्चों के संपूर्ण व्यक्तित्व निर्माण में कार्य करना होगा
10-25 फरवरी तक सन्चालित एमडीए अभियान में सहयोग करें, दवा खाने के लिए लोगों को जागरूक ताकि फाइलेरिया मुक्त हो सके जिला
राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से ग्रामीणों को जागरूक करने में भी सहयोग करें ताकि वंचित वर्ग का आर्थिक एवं सामाजिक उत्थान हो सके, जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त
जमशेदपुर (झारखंड)। जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजन्त्री की अध्यक्षता में निजी विद्यालयों के शिक्षक संघ के साथ सामाजिक समस्याओं पर ऑनलाइन संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में सभी 11 प्रखण्डों से 100 से ज्यादा प्रतिभागी समेत सभी बीडीओ व सीओ, डीईओ व डीएसई भी जुड़े। संवाद कार्यक्रम में अलग अलग प्रखण्डों से जुड़े प्रवक्ताओं ने सामाजिक समस्याओं तथा उनके समाधान को लेकर अपने विचार रखे।
युवाओं को बेहतर शिक्षा कैसे मिले, उच्च शिक्षा के लिए दूसरे राज्यों में ना जाना पड़े, बेरोजगार युवाओं को यहां के निजी कंपनियों में नियोजित किया जा सके, समाज में फैली अन्य कुरीतियों जैसे नशाखोरी विशेषकर युवाओं में तथा अन्य विभिन्न मुद्दों पर प्रवक्ताओं ने विचार रखा।
जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त ने अपने सम्बोधन में कहा कि सामाजिक समस्याओं के समाधान में प्रशासन के अलावा निजी शिक्षकों की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। जिस निष्ठा और समर्पण से आप बच्चों को पढ़ाते हैं, देश के भविष्य निर्माण में आपकी भूमिका काफी अग्रणी है, आप सभी अच्छा कार्य कर रहे हैं।
शिक्षा ऐसी मिले की बच्चों का सम्पूर्ण व्यक्तित्व निर्माण हो सके। उन्होंने कहा कि समाज में फैली समस्याओं का समाधान हम सभी मिलकर ढूंढ सकते हैं। शिक्षा के क्षेत्र में ही नहीं अपितु विविध क्षेत्रों में आप सभी अपने योगदान से समाज को लाभान्वित कर सकते हैं।
जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त ने कहा कि युवाओं में नशाखोरी रोकथाम को लेकर जिला प्रशासन द्वारा सम्वेदनशील प्रयास किये जा रहे हैं। लेकिन अभिभावकों को भी इसमें आगे आकर सहयोग करना होगा। अपने कम उम्र के बच्चों पर निगरानी रखना तथा उन्हें सद्गुणों को अपनाने के लिए प्रेरित करने में आप शिक्षक और अभिभावकों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त ने बताया कि युवाओं को अपने राज्य और जिला में ही रोजगार मिले इसको लेकर राज्य सरकार द्वारा नई नियोजन नीति में 75 फीसदी स्थानीय युवाओं को राज्य व जिला अंतर्गत की कम्पनियों में नियोजित करने का निर्णय लिया गया है जिसका व्यापक प्रभाव भी आने वाले वर्षों में हमारे सामने होगा।
उन्होंने कहा कि स्वरोजगार से जुड़ने का अवसर भी राज्य सरकार द्वारा प्रदान किया जा रहा है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए पशुपालन, पॉल्ट्री फॉर्म, स्किल डेवलपमेंट जैसी कई योजनाएं हैं। युवाओं को उद्यम को भी विकल्प के रूप में अपनाना चाहिए, इससे आप दूसरों को भी रोजगार दे सकते हैं।
ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने को लेकर उन्होंने कहा कि प्रत्येक ब्लॉक में लाइब्रेरी सह रिसोर्स सेंटर बनाया जा सकता है। इसमें प्रतियोगी परीक्षा के सभी किताब रहेंगे, निजी विद्यालयों के शिक्षकों से भी इसमें मदद ली जाएगी।
सभी प्रखंड के बेस्ट ब्रेन जब एक जगह पर युवाओं और बच्चों का मार्गदर्शन करेंगे तब दिशा और दशा कुछ और होगी। उन्होंने वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने पर बल दिया। साथ ही कहा कि मानव व बौद्धिक संपदा का बेहतर उपयोग हो इस दिशा में कार्य करने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम के अंत मे जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त ने सभी प्रतिभागियों से अपील करते हुए कहा कि जिले में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान का संचालन 10 फरवरी से 25 फरवरी तक किया जा रहा है। इस अभियान के सफल संचालन में जिला प्रशासन को आवश्यक सहयोग प्रदान करें ताकि एक भी पात्र व्यक्ति दवा खाने से वंचित नहीं रह जाएं।
उन्होने बताया कि फाइलेरिया के लक्षण शुरूआती दिनों में नहीं पता चल पाता, कई मामलों में 5 वर्ष से 15 वर्ष बीत जाने के बाद पीड़त की पहचान हो पाती है, ऐसे में जरूरी है कि जो व्यक्ति पूरी तरह से स्वस्थ महसूस कर रहें हों वे भी दवा जरूर खायें। 2 वर्ष के निचे, गर्भवती और गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को यह दवा नहीं खाना है, साथ ही खाली पेट भी दवा नहीं खाना है।