फर्स्ट लेडी ने बस्तर की महिला किसानों के मिलेट से बने लड्डू का लिया स्वाद
कांकेर जिले के विकासखंड दुर्गुकोंदल के अंतर्गत ग्राम गोटुलमुंडा के महिला स्व सहायता समूह के सदस्य एवं किसान निर्मला भास्कर एव बस्तर जिले के विकासखंड बास्तानार के अंतर्गत ग्राम बड़ेकिलेपार की महिला समूह के संगीता कश्यप ने जी 20 मे उपस्थित थे।
महिलाओं ने बस्तर आने का दिया निमंत्रण
दुर्गुकोंदल । बस्तर एवं कांकेर जिले का मिलेट विशेषकर रागी से बने लड्डू जी-20 में आये राष्ट्राध्यक्षों और उनकी पत्नी को काफ़ी भाया। अवसर था जी-20 देशों में भाग लेने वाले प्रमुखों की प्रथम महिलाओं और जीवनसाथियों को 9 सितंबर को पूसा रोड पर आईएआरआई परिसर में एक कृषि प्रदर्शनी के लिए विशेष निमंत्रण दिया गया।
छत्तीसगढ़ के बस्तर एवं कांकेर से आयी महिलाओं ने मिलेट से बनने वाले पकवानों पर विशेष तैयारियां की थी। बस्तर ज़िले के बास्तानर ब्लॉक से आयी संगीता कश्यप ने बताया कि उन्होंने मिलेट के लड्डू, रागी कुकीज़, रागी चकली, कोदो-कुटकी आदि मिलेट से तैयार होने वाले पकवान बनाए थे। ’ऑस्ट्रेलिया की फ़र्स्ट लेडी को उन्होंने मिलेट से बनाए पकवानों की टोकरी उपहार में दी। ’फर्स्ट लेडी को बस्तर की महिलाओं ने बस्तर आने का निमंत्रण भी दिया। महिलाओं के साथ आयी ’छत्तीसगढ़ कृषि विभाग की वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी एव नोडल अधिकारी रुक्मणी कोट्टम ने बताया कि पूसा में छत्तीसगढ़ कृषि विभाग द्वारा स्टाल भी लगाया गया था’। विभाग की ओर से स्टाल में बांस से बने उत्पाद जैसे सूपा, टुकनी, टोकरी, तुमा, छतरी के साथ-साथ मिलेट से बने उत्पाद भी रखें। जो कि यहाँ आने वाले आगंतुकों को काफ़ी पसंद आए। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ की ढोकराकला और नैचुरल डाई से बने कोसा के स्टॉल भी आगंतुकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र थे।
कांकेर जिले के दुर्गकोन्दल ब्लॉक के ग्राम गोटुलमुंडा गाँव के महिला स्व सहायता समूह की निर्मला भास्कर ने बताया कि उन्होंने न्यूज़ीलैंड की फ़र्स्ट लेडी को मिलेट का बास्केट उपहार में दिया। इस बास्केट में छत्तीसगढ़ की महिला समूह द्वारा तैयार मिलेट उत्पाद थे। फ़र्स्ट लेडी ने उनके साथ सेल्फी भी ली। उन्होंने कहा कि वे इसे अपने घर ले जायेंगी और अपने परिवार के साथ शेयर करेंगी। निर्मला भास्कर ने कहा कि यह यादगार पल था जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता है।
राष्ट्राध्यक्षों की पत्नियों ने महिला किसानों से कहा, नमस्ते भारत
सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे विभिन्न देशों के राष्ट्रपति, प्रधनमंत्री व वैश्विक संगठनों के प्रमुखों को पत्नियों ने श्री अन्न की खेती करने बाली महिला किसानों से पूस स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद में मुलाकात को अतिथियों ने महिला किसानों से खेतीबाड़ी के तौर तरीके व जलवायु परिवर्तन के दौर में श्री अन्न की खेती के महत्व की समझा। महिला किसानों को तब बड़ा आश्चर्य हुआ, जब द्विभाषिये की उपस्थिति में अधिकांश मेहमानों ने उन्हें हिंदी में नमस्ते भारत कहा।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषिसुन की पानी अक्षता मृदा से दूसरी अन्य भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान का दौरा कियाऔर सेल्फी भी ली।
रंगोली ने खींचा सभी मेहमानों का ध्यान
दर्शन स्थल पर श्री अन्न और खेतीबाड़ी से जुड़े उत्पाद पर आधारित दो रंगोली बनाई गई। थी। इन्हें हारमनी आप हार्वेस्ट यूनिटी इन सरिटनेस नाम दिया गया था। यहां उन सभी देशों के नाम लिखे गए थे जहां से महिला अतिथि यहां पहुंची थी। यह फूल से निर्मिता का माडल भी किया गया था, जिसे मेहमानों ने खूब पसंद किया।
होगी, लेकिन जब उन्होंने हिंदी में महिलाओं से संवाद करन शुरू किया तो सभी काफी खुश हो गई। इसी तरह ब्राजील के राष्ट्रपति व जापान के प्रधानमंत्री की पत्नी की आत्मीयता ने सभी महिला किसानों का दिन जीत लिया।
महिला अतिथियों के लिए यहां लगी प्रदर्शन में कुटाई से लेकर पिसाई तक से जुड़ी जानकारी दशाई गई थी। को कैसे कूटकर तैयार किय जाता है, इसमें मेहमानों की काफी दिलचस्पी थी। कई मेहमानों ने हाथ से चलाने वाली चक्का पर हाथ आजमाया। गुगी से बने
बैंक प्रमुख अजय बंग की पत्नी रितु की हिंदी ने सभी महिला किसानों को पापड़, मुरमुरे, ज्वार की रोटी, किसान के आग्रह पर बाजील के अतिथियों में जापान के प्रधानमंत्री बंगा सहित कई महिलाएं शामिल भी प्रभावित किया। प्रोटोकाल अधिकारी बाजर को रोटी में इनकी खू राष्ट्रपति की पत्नी ने जय महाराष्ट्र घुमियों चिशिदा को पत्नी यौको विदेश मंत्री एस जयशंकर की पत्नी ने जब किसानों से कहा कि ये ब्रिटेन दिलचस्पी दिखी। यहां मेहमानें तक कहा। अतिथियों ने महिला किशिद, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि को जयशंकर ने सभी मेहमानों के प्रधानमंत्री की पत्नी है तो उन्हें के लिए श्री अन्न से बने विभिन्न किसानों के साथ खूब बातचीत की सुनक की पत्नी अक्षता मूर्ति विश्व का स्वागत किया। मेहमाने में अक्षता लग कि शब्द इन्हें हिंदी नहीं आती व्यंजनों के स्टाल लगाए गए थे।