जैन दर्शन के शाश्वत पर्वाधिराज पर्युषण दशलक्षण पर्व के तीसरे दिन जिनालयों में भक्ति की धूम

झांसी: नगर में जैन दर्शन के शाश्वत पर्वाधिराज पर्युषण दशलक्षण पर्व के तीसरे दिन समस्त जिनालयों में भक्ति की धूम रही। जैन श्रद्धालुओं द्वारा प्रातः काल से श्रीजी का अभिषेक,शांतिधारा,पूजन की गई। बाहर से पधारे हुए अतिथि विद्वानों के द्वारा तत्त्वार्थ सूत्र का वाचन किया गया। शाम को अत्यंत भक्तिभाव पूर्वक भगवान की संगीतमय मंगल आरती की गई।
कई श्रावक श्राविकाएं 24 घंटे में मात्र एक ही समय भोजन पानी ग्रहण करके एकाशन व्रत तो कई श्रद्धालु निर्जल उपवास की कठिन साधना कर रहे हैं।
गांधी रोड स्थित श्री दिगम्बर जैन पंचायती बड़ा मंदिर में वरुण जैन एवम् दीपांक सिंघई के निर्देशन में गौरव जैन “नीम”, दिव्यांश जैन,अनिल जैन “कल्लू”,शुभम जैन “छोटू”, सौरभ जैन “गीतकार”,अनूप जैन “सनी”,मयंक जैन लाला,अविनाश मड़वैया,रवि जैन,शुभम जैन “जैरी”,सौरभराज जैन,वैभव जैन,अनुभव जैन,आग्रह जैन,सौरभ जैन “बिजली”,अनूप जैन,राहुल जैन,शानू जैन,कमल जैन “चाय वाले”,सुकमाल जैन “गुदरी”, के द्वारा जिनेन्द्र प्रभु का अभिषेक,शांतिधारा कर पूजन संपन्न हुई।
करगुंवा क्षेत्र में पहाड़ी पर बने श्री चंद्रोदय तीर्थ पर स्थित भव्य जिनालय में चंद्रप्रभु भगवान का विधिविधान पूर्वक अभिषेक,शांतिधारा सौरभ जैन सर्वज्ञ के मंत्रोच्चार निर्देशन में वरिष्ठ समाजसेवी प्रदीप जैन चैनू,सजल जैन,अंकित सर्राफ,अंशुल जैन द्वारा की गई। श्रीमति निकिता जैन ने विश्व में विद्यमान सभी जीवों के लिए सुख, शांति समृद्धि की कामना करते हुए उत्तम आर्जव धर्म की आराधना की। इस दौरान सौरभ जैन सर्वज्ञ ने बताया कि ऋजु यानि सरल भावों को मन और जीवन धारण करना ही “उत्तम आर्जव धर्म” है।आचार्यों ने धर्म ग्रंथों में लिखा है जो कुटिल विचार नही करता है, कुटिल कार्य नहीं करता है और कुटिल बात नही बोलता है तथा अपने दोष नहीं छिपाता है वह व्यक्ति आर्जव धर्म का धारक होता है।

कई लोग कर रहे है एकाशन (24 घंटे में एक समय भोजन) और उपवास व्रत की कठिन साधना

जैन दर्शन के शाश्वत पर्वाधिराज पर्युषण दशलक्षण पर्व के तीसरे दिन जिनालयों में भक्ति की धूम

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