जो रक्तदान करते है वो महान व देवतुल्य होते है : दिलीप दुबे

प्रयास के सदस्य व रक्तदाता प्रदीप सेन की अगुवाई में चार साथियो ने किया रक्तदान

रेणुकूट (सोनभद्र)। आओ करे रक्तदान एक सुखद एहसास किसी को जिंदगी देने का,उक्त बातें कही प्रयास रक्तदाता समूह के रेगुलर रक्तदाता व पूर्व सहायक अभियंता रिहन्द जल विधुत गृह पिपरी में कार्यरत प्रदीप सेन ने जो अब जल विधुत गृह ओबरा में सहायक अभियंता है और प्रयास से जुड़े हुए है बातचीत में बताया कि जब पिपरी में था तो प्रयास से जुड़ा और दिलीप दुबे से प्रेरित होकर पहली बार हिंडाल्को रेणुकूट में रक्तदान किया और अब तक सात बार कर चुका हूँ जब मैं ओबरा आया तो रक्तदान नही कर पा रहा था जैसे ही पता चला कि एक मित्र का 19 वर्षीय भाई अभिषेक वर्मा रॉबर्ट्सगंज स्थित साई हॉस्पिटल में भर्ती है और उसका प्लेटलेट्स काउंट मात्र तेरह हज़ार पहुँच गया है मैंने तुरंत प्रयास सचिव दिलीप दुबे से बात की और अपने तीन अवर अभियंता साथियों सलिल कुशवाहा, पंकज कुमार, राकेश कुशवाहा के साथ मध्य रात्रि में करीब दो बजे ओबरा से रॉबर्ट्सगंज जाकर साई हॉस्पिटल के ब्लड बैंक में रक्तदान महादान का कार्य किया, तीन साथियों में से दो (ई. राकेश एवम् ई. पंकज) साथियों का पहला रक्तदान था वे रक्तदान करते काफ़ी उत्साहित दिखे। दिलीप दुबे ने कहा कि डेंगू मलेरिया का महामारी चारो तरफ फैला है जिससे ब्लड और प्लेटलेट्स की डिमांड बढ़ गयी है सभी सक्षम व्यक्ति को आगे आकर रक्तदान करना चाहिए जिसका उम्र 18 साल, वजन 45 kg से अधिक है और रक्तदान के समय हेमोग्लोबिन की मात्रा 12.5 gm/dl से अधिक है तो पुरुष वर्ष में चार बार और महिला वर्ष में तीन बार रक्तदान कर पूण्य के भागी बन सकते है और किसी को जिंदगी देने की खुशी का अनुभव कर सकते है वही सभी रक्तदानी साथियों ने प्रदीप सेन का आभार व्यक्त किया कि आपके वजह से महान कार्य करने का अवसर मिला अब जब भी मौका मिलेगा हम सब अवश्य रक्तदान महादान का कार्य करेंगे और प्रयास से जुड़ने का खुशी भी व्यक्त किये अंत मे दिलीप ने कहा कि रक्तदान है सबसे बढ़कर, बड़े है इसके दानी ! देकर अपना रक्त, बचाते औरो की जिंदगानी !!

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