शमसुलहक़ ख़ान की रिपोर्ट
डा० रमाकांत द्विवेदी ने आयुर्वेदिक औषधियों के सेवन करने बारें में दी सलाह!
बस्ती (कप्तानगंज ) – आधुनिक जीवन की भाग दौड़ भरी जिंदगी मे मानव अनेक रोगों से ग्रस्त हो रहा है जिसका मुख्य कारण कमजोर प्रतिरक्षा तंत्र है । सर्दियों के मौसम मे या फिर लगातार किसी व्यक्ति को नाक में खुजली महसूस होना , सांस लेने मे परेशानी होना , गले मे खराश होना , अत्यधिक छींक आना , साथ मे आँखों मे जलन होना , आंखे लाल होना जैसे लक्षण दिखाई दें तो एलर्जिक रायनाइटिस के लक्षण हो सकते है l आयुर्वेद के अनुसार इसे जीर्ण प्रतिश्याय कहा जा सकता है आयुर्वेद के अनुसार चिकित्सा निदान परिवर्जन अर्थात जिन वस्तुओं से एलर्जी है उनसे दूर रहना रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना – आयुष क्वाथ संश्मनी वटी का नित्य सेवन औषधि के रूप में सितोप्लादि चुर्ण लक्ष्मी विलास रस, तालिसादि चुर्ण , च्यवनप्राश , अवलेह , हरिद्राखंड का सेवन करना, चित्रक हरितकी अवलेह 01 चम्मच सुबह शाम , षड बिंदु तेल सुबह शाम नाक मे दो दो बून्द डालना चाहिए l डॉ रमाकांत द्विवेदी ने बताया कि उपरोक्त औषधियों का सेवन चिकित्सक के परामर्श के अनुसार लें एवं आयुर्वेदिक औषधियों का सेवन नियमित रूप से करने शरीर पर कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है और पुराने रोगों के लिए आयुर्वेदिक औषधियों का महत्वपूर्ण योगदान रहता है ।