-सभी शिक्षकों ने एकजुटता के साथ ऑनलाइन व्यवस्था का खुलकर विरोध दर्ज कराया
खीरों रायबरेली। शिक्षकों के ऑनलाइन उपस्थिति दिए जाने के अव्यवहारिक फरमान के विरोध में उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संगठन द्वारा किए जा रहे सख्त विरोध के दूसरे दिन आज ब्लॉक खीरों रायबरेली के शिक्षकों ने ऑनलाइन हाज़िरी व्यवस्था के सहमति/असहमति में शिक्षकों की राय जानने के लिए चलाए जा रहे अभियान के दूसरे दिन असहमति में हस्ताक्षर अभियान चलाकर ब्लॉक के सभी शिक्षकों ने एकजुटता के साथ ऑनलाइन व्यवस्था का खुलकर विरोध दर्ज कराया, और इसे अव्यहारिक करार दिया एवं न्याय पंचायत स्तर पर पूरे ब्लॉक के शिक्षकों ने एकत्रित होकर इस व्यवस्था का सामूहिक विरोध दर्ज कराया।
ऑनलाइन हाजिरी के अव्यवहारिक आदेश को हम सभी शिक्षक किसी भी हाल में स्वीकार नहीं करेगें
ब्लॉक अध्यक्ष नीरज हंस ने आंदोलन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष दिनेश चंद्र शर्मा जी के नेतृत्व में किए जा रहे ऑनलाइन हाजिरी के अव्यवहारिक आदेश को हम सभी शिक्षक किसी भी हाल में स्वीकार नहीं करेंगे। ज्ञात हो के शिक्षकों से विभागीय कार्यों के अतिरिक्त भी अन्य अनेक प्रकार के कार्य लिए जाते हैं! साथ ही बेसिक के विद्यालय अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में दूर दराज क्षेत्रों में मौजूद है साथ ही शिक्षण के अतिरिक्त सैकड़ो आदेश समय-समय पर विभाग द्वारा जारी किए जाते हैं, शिक्षकों को मात्र 14 आकस्मिक अवकाश में पूरे वर्ष कार्य करना होता है, ऐसी स्थिति में विभाग को सबसे पहले उपार्जित अवकाश प्रतिकर अवकाश, सामूहिक बीमा, स्वास्थ्य बीमा, नियमित पदोन्नति, जिले के अंदर व बाहर स्थानांतरण आदि कार्यों समय बद्ध पूर्ण कराया जाए जो प्राथमिकता के आधार पर किए जाने चाहिए, किंतु जरूरी कार्यों को पूर्ण न करके शिक्षकों का दमन किया जा रहा है, ये संगठन किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करेगा।
इस अवसर पर जिला उपाध्यक्ष श्याम शरण यादव जी, डॉ.दुष्यंत सिंह, ब्लॉक मंत्री रामनारायण,ब्लॉक वरिष्ठ उपाध्यक्ष मनीष तिवारी, ब्लॉक अध्यक्ष संघर्ष समिति विश्वनाथ प्रसाद, कोषाध्यक्ष प्रेम प्रकाश यादव, रामनरेश मुकेश धवल शशांक मिश्रा, उदयभान दुर्गा शंकर, सर्वेश गुप्ता, जावेद खान, राघवेंद्र सिंह, इमरान, राहुल, कन्हैया पटेल आदि पूरे ब्लॉक के शिक्षकों ने हस्ताक्षर अभियान में हिस्सा लिया व सभी शिक्षक -शिक्षिकाओं से ऑनलाइन उपस्थित के तानाशाही पूर्ण आदेश के खिलाफ एकजुट रहने की अपील की और उन्हें याद दिलाया कि हमारी एकजुटता के सामने विभाग को अनेक बार तुगलकी फरमानों को वापस लेना पड़ा है, अगर हम एकजुट रहे तो उन्हें ऑनलाइन उपस्थिति व्यवस्था के इस अव्यवहारिक आदेश को भी वापस लेना ही पड़ेगा।
(रिपोर्ट एसके सोनी)