नाबालिग बालिका से दुष्कर्म के आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास

नाबालिग बालिका से दुष्कर्म के आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास
टीकमगढ़। नाबालिग बालिका से हुए दुष्कर्म के मामले में सुनवाई करते हुए एमडी रजक, विशेष न्यायाधीश, पॉक्सो एक्ट, जतारा को 20 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। मामले की पैरवी सुनील नामदेव, सहायक जिला अभियोजन अधिकारी, जतारा टीकमगढ़ ने की। मामले के आरोपी को नाम दीपक उर्फ अभिषेक पुत्र गुलाबचंद्र आयु 27 वर्ष निवासी बार्ड नंबर 09, लवकुशनगर जिला छतरपुर बताया गया है। उक्त मामले में शासन की ओर से पैरवीकर्ता सहायक जिला अभियोजन अधिकारी सुनील नामदेव द्वारा घटनाक्रम के बारे में जानकारी देते हुये बताया कि मामला जतारा जिला टीकमगढ़ के विशेष न्यायाधीश, पॉक्सो एक्ट के न्यायालय में विचाराधीन था, जिसमें विशेष न्यायाधीश द्वारा नाबालिग बालिका से दुष्कर्म के आरोप में अभियुक्त दीपक उर्फ अभिषेक को धारा 5 / 6 पॉक्सो एक्ट के अपराध में 20 वर्ष के कठोर कारावास एवं 10 हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया । प्रकरण के बारे में मिली जानकारी के मुताबिक 08 मार्च 2020 को रात्रि 9 बजे के लगभग अभियोक्त्री अपनी मां से शौंच हेतु जाने का कहकर बाहर गयी थी। अभियोक्त्री के आधा घंटे तक वापस नहीं आने पर उसकी मां ने अपनी सास एवं देवर को पूरी बात बताई । सभी ने अभियोक्त्री की तलाश की, लेकिन उसका कहीं कोई पता नहीं चला। कोई पता नहीं चलने पर अभियोक्त्री की मां ने 09 मार्च 2020 को थाना पलेरा में एक लिखित आवेदन प्रस्तुत किया गया, जिसके आधार पर थाना पलेरा में अपराध अंतर्गत धारा 363, 366 भादंसं की प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात अभियुक्त के विरुद्ध लेखबद्ध की गई । विवेचना के दौरान अभियोक्त्री को दस्तयाब किया गया, तो उसने अपने कथनों में बताया कि अभियुक्त दीपक उर्फ अभिषेक की बहिन का घर मेरे घर के पास है, जहां पर वह आता जाता था। जिससे मेरी पहचान दीपक से हो गई थी और उसने मेरा फोन नंबर ले लिया था । बताया गया है कि 08 मार्च 2020 को रात्रि में उसने फोन कर मुझे गांव से बाहर बुलाया और वहां से बहला फुसलाकर अपने साथ ग्वालियर ले गया और मुझे 10 माह तक एक कमरे में पत्नि बनाकर रखा तथा मेरे साथ कई बार शारीरिक संबंध बलात्कार बनाता रहा । अभियोक्त्री के उक्त कथन के आधार पर प्रकरण में दुष्कर्म एवं पॉक्सो अधिनियम की धाराओं का इजाफ ा किया गया । अभियुक्त दीपक को गिरफ्तार किया गया । संपूर्ण अनुसंधान उपरांत अभियुक्त दीपक के विरूद्ध विचारण हेतु अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया । विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा प्रकरण के सभी महत्वपूर्ण अभियोजन साक्षीगण को परीक्षित कराया गया एवं सभी महत्वपूर्ण दस्तावेजों को साक्ष्य के तौर पर प्रस्तुत किया गया । अभिलेख पर अभियोजन द्वारा प्रस्तुत की गई मौखिक, दस्तावेजी, वैज्ञानिक साक्ष्य तथा अंतिम तर्क के आधार पर विशेष न्यायाधीश द्वारा अभियुक्त दीपक उर्फ अभिषेक को धारा 5 /6 पॉक्सो एक्ट के अपराध में 20 वर्ष के कठोर कारावास एवं 10 हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।

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