पशुओं में हो रही लम्पी स्किन डिजीज के संबंध में बैठक सम्पन्न!

*शमसुलहक खान की रिपोर्ट*

*पशुओं में हो रही लम्पी स्किन डिजीज के संबंध में बैठक सम्पन्न!*

बस्ती – शासन द्वारा नामित नोडल अधिकारी दुग्ध आयुक्त उत्तर प्रदेश शशि भूषण लाल सुशील की अध्यक्षता में कलेक्टेªट सभागार में पशुओं में हो रही लम्पी स्किन डिजीज के संबंध में बैठक की गयी। उन्होने बैठक को सम्बेधित करते हुए कहा कि इस बीमारी के प्रसार को मा. मुख्यमंत्री ने गम्भीरता से लिया है। प्रयास करे कि इसका बहुत ज्यादा असर पशुओं में ना हो, ताकि हम उनकी जान बचा सकें। पिछले वर्ष राजस्थान में इस बीमारी से काफी पशुओं की जान जा चुकी है। उन्होने निर्देश दिया कि छुट्टा पशुओं को गोशाला में ले जाकर रखने पर उसे निःशुल्क ना छोड़े तथा नियमानुसार जिला पंचायत जुर्माना लगायें।
उन्होेने कहा कि प्रभावित गॉव में टीकाकरण एवं सैनिटाइजेशन प्राथमिकता पर कराया जाय। किसी भी पशु के बीमार होने पर उसकी सूचना तत्काल कंट्रोल रूम को दी जाय। ब्लाक स्तर पर भी कंट्रोल रूम बनाया जाय। गोशालाओं पर विशेष निगाह रखी जाय। उनके निर्देश पर सर्विलांस के लिए पीलीभीत से तैनात किए गये दो पशुचिकित्साधिकारी डा. उज्जवल कुमार तथा डाक्टर विश्वास सिंह ने बैठक में इस बीमारी से बचाव के उपयों की जानकारी दिया। आयुक्त महोदय ने इन्हें निर्देशित किया है कि सात-सात ब्लाक आपस में चिन्हित करके निरन्तर क्षेत्रीय भ्रमण करें तथा रिपोर्ट जिलाधिकारी को भी उपलब्ध कराये।
       बैठक की समीक्षा में उन्होने पाया कि लम्पी स्किन डिजीज के जनपद में वर्तमान में 45 केस है। उन्होने सभी ईओ नगरपालिका/नगरपंचायत को निर्देश दिया है कि साफ-सफाई के साथ दवाओं का छिड़काव करायें। इस संबंध में डीपीआरओ भी ग्राम प्रधान, बीडीओ के साथ बैठक करें और सूचना प्राप्त होने पर संबंधित को अवगत करायेंगे।
      उल्लेखनीय है कि दुग्ध आयुक्त ने विकासखंड विक्रमजोत के ग्राम मलहनी में गौशाला का निरीक्षण तथा ग्राम केशवपुर एवं लालपुर में गोवंशों में एलडीएस संक्रामक बीमारी के रोकथाम हेतु निरीक्षण किया। निरीक्षण के समय मुख्य विकास अधिकारी डा. राजेश कुमार प्रजापति, संयुक्त निदेशक पशुपालन, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी एवं विकासखंड स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।
       जिलाधिकारी अंद्रा वामसी ने निर्देश दिया है कि बीमारी से प्रभावित प्रत्येक गॉव के लिए एक जिला स्तरीय नोडल नामित करे, जो टीकाकरण एवं सैनिटाइजेशन पर विशेष ध्यान देंगे।  उन्होने बताया कि तहसील स्तर पर सर्विलांस के लिए 4 आरआरटी का गठन किया गया है। विकास खण्ड में टीकाकरण एवं चिकित्सा के लिए 14 टीमों का गठन किया गया है, जिसमें 24 पशु चिकित्साधिकारी, 23 पशुधन प्रसार अधिकारी एवं 14 अन्य कर्मचारियों की ड्यूटी लगायी गयी है। उन्होने बताया कि इस बीमारी से बचाव के लिए 23 हजार गोवंशीय पशुओं को इसका वैक्शीन लगाया गया है। विशेषज्ञों के अनुसार यह बीमारी गोवंशीय पशुओं में ज्यादा पायी गयी है।
अपर निदेशक पशुपालन डा. विकास साठे ने बताया कि जनपद स्तर पर स्थापित कंट्रोल रूम मो.नं0-9793868800 तथा 1962 पर बीमारी से संबंधित सूचना दी जा सकती है। जानकारी प्राप्त होते ही पशुचिकित्सा की टीम मौके पर पहुॅचेंगी तथा इलाज करेंगी। उन्होने लम्पी स्किन डिजीज एक विषाणुजनित रोग है। इस रोग में पशु को तेज बुखार, ऑख व नाक से पानी गिरना, पैरों में सूजन, पूरे शरीर में कठोर एवं चपटी गॉठ आदि लक्षण पाये जाते है। सास की नली में घाव होने से सांस लेने में कठिनाई होती है, पशु का वजन घट जाता है और अत्यधिक कमजोरी से पशु की मृत्यु हो जाती है। इस रोग से मनुष्य को कोई खतरा नही है।
       सीबीओ डा. ए.के. कुशवाहॉ ने बताया कि रोग से प्रभावित पशुओं का आवागमन प्रतिबंधित करें। पशु के शरीर पर मच्छर, मक्खी, किलनी से बचाने के लिए कीटनाश दवा का प्रयोग करें। बीमार पशु को चरने के लिए पशुओं के साथ ना भेंजे। प्रभावित क्षेत्र से पशु खरीद कर ना लाये यदि इस रोग से किसी पशु की मृत्यु होती है तो शव को वैज्ञानिक विधि से दफनाये।
      बैठक में सीडीेओ डा. राजेश कुमार प्रजापति, डीएफओ नवीन कुमार शाक्य, एडीएम कमलेश चन्द, पीडी राजेश झा, उप जिलाधिकारी विनोद चन्द्र पाण्डेय, गुलाब चन्द्र, जी.के. झा, खण्ड विकास अधिकारी तथा पुशचिकित्साधिकारी गण उपस्थित रहें।

Advertisement

Keep Up to Date with the Most Important News

By pressing the Subscribe button, you confirm that you have read and are agreeing to our Privacy Policy and Terms of Use
Advertisement