बीजपुर थानाध्यक्ष को एफआईआर दर्ज करने का आदेश

आवास दिलाने के नाम पर आदिवासी महिला के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म का मामला

सोनभद्र। सरकारी आवास दिलाने के नाम पर आदिवासी महिला के साथ दो लोगों द्वारा बारी बारी से दुष्कर्म करने के मामले में विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी कोर्ट आबिद शमीम की अदालत ने प्रथम दृष्टया संज्ञेय अपराध मानते हुए बीजपुर थानाध्यक्ष को एफआईआर दर्ज कर विधि अनुरूप विवेचना का आदेश दिया है। उक्त आदेश बभनी थाना क्षेत्र स्थित एक गांव निवासिनी आदिवासी महिला (पीड़िता) की ओर से अधिवक्ता रोशन लाल यादव के जरिए दाखिल धारा 156(3) सीआरपीसी के प्रार्थना पत्र पर अदालत ने दिया है। दिए प्रार्थना पत्र में आदिवासी महिला (पीड़िता) ने अवगत कराया है कि दो माह पूर्व सुधीर पांडेय पुत्र अवधेश पांडेय निवासी नधिरा, थाना बभनी, जिला सोनभद्र और चिंतामणि विश्वकर्मा पुत्र उदय नारायण विश्वकर्मा निवासी अम्मा टोला(बकरिहवा), थाना बीजपुर, जिला सोनभद्र उसके घर पर आए और कहा कि सरकारी आवास आया है हमलोग मंजूर करवा देंगे। जल्द ही फार्म भरवाया जाएगा तब हमलोग आएंगे। तुम अपना आधार कार्ड, राशन कार्ड और फोटो तैयार रखना।जब अधिकारी आएंगे तो हमलोग तुम्हें अधिकारियों के पास ले चलेंगे और आवास पास करवा देंगे। घटना दो जनवरी 2024 की रात साढ़े नौ बजे की है। दोनों लोग उसके घर शाम पांच बजे आ गए और कहा कि सभी कागज लेकर चलो अधिकारी आठ बजे रात आएंगे। इसके बाद कार पर बैठाकर उसे बकरिहवा ले गए और घर में बैठने को कहा। जब देर होने लगा तो दोनों ने उसके साथ बारी बारी से दुष्कर्म किया और किसी से बताने पर जान से मारने की धमकी भी दिया। जब दोनों दो गए तब किसी तरह भागकर अपने घर आई। इसके बाद बीजपुर थाने जाकर सूचना दिया, किंतु कोई कार्रवाई नहीं हुई। तब 9 फरवरी 2024 को रजिस्टर्ड डाक से एसपी सोनभद्र को सूचना दिया, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। तब मजबूर होकर न्यायालय में प्रार्थना पत्र दाखिल की हूं। अदालत ने थाने से रिपोर्ट तलब किया, लेकिन कोई एफआईआर दर्ज न होना बताया गया। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने पत्रावली का अवलोकन करने पर प्रथमदृष्टया संज्ञेय अपराध मानते हुए बीजपुर थानाध्यक्ष को एफआईआर दर्ज कर विधि अनुरूप विवेचना का आदेश दिया है।

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