बुन्देलखण्ड की महिला सेवा गौरव आराधना जौहरी का देवआस्था पुस्तकालय द्धारा किया अभिवादन
बुन्देलखण्ड की महिला सेवा गौरव आराधना जौहरी एवं मीता सक्सेना का देवआस्था पुस्तकालय मे आगमन हुआ उन्होंने ने दीपप्रज्वलन के साथ लोह पुरुष स्व.श्री कपूर चन्द्र घुवारा के संस्मरणों को याद किया ओर पुस्तकालय मे रखें हुये चरखा को चलाया एवं आराधना ने बताया कि सभी को यह संदेश जो हमेशा याद रखना चाहिए जो महात्मा गांधी दर्शन- लिखा हुआ है मैं जानता हूँ कि मुझे अभी बड़ा मुश्किल रास्ता तय करना है । मुझे अपनी हस्ती को बिल्कुल मिटा देना होगा । जब तक मनुष्य अपने आपको स्वेच्छा से अपने सहचरों में सबसे अंतिम स्थान पर खड़ा न कर दे तब तक उसकी मुक्ति संभव नहीं । अहिंसा विनम्रता की चरम सीमा है । यदि हम धर्म, राजनीति, अर्थ आदि से ‘मैं’ और ‘मेरा’ निकाल सकें तो हम शीघ्र ही स्वतंत्र हो जाएंगे, और पृथ्वी पर स्वर्ग उतार सकेंगे राष्ट्र पिता महात्मा गांधी के बताये हुए मार्ग पर चलकर ही राष्ट्र की प्रगति है।वहीं देवआस्था पुस्तकालय मे रखें हुये वह दस्तावेजों को भी पवनघुवारा ने दिखाया जिसमें बुन्देलखण्ड पैकेज के लिये किया राष्ट्रीय स्तर पर सघर्ष भूमिपुत्र की भूमिका आधारित भेजे गये जो दस्तावेज थे। साथ ही पवनघुवारा ने कहा कि वह समय जब एक छोटे से टीकमगढ़ शहर मे कोई भी मेडिकल सुविधाएं नही थी उस समय आदरणीय डा.जौहरी साहब जी द्धारा जो महिलाओ को मेडिकल इलाज के साथ जीवन दान अपनी सेवाओं के माध्यम से दिया सम्पूर्ण बुन्देलखण्ड मे उन सेवाओ का जितना भी अभिवादन किया जाये बह बहुत कम है आज हमारे बीच भले ही स्व. डा.रामगोपाल जौहरी जी नही है लेकिन जनमानस आज भी हर क्षण डा.आर जी जौहरी सहाब के अनुभवी स्नेह ओर सेवाओं को याद करता है पुस्तकालय संचालक प्रियंका पवनघुवारा भूमिपुत्र द्धारा बुन्देलखण्ड की महिला सेवा गौरव श्री मति आराधना जौहरी का शाल श्रीफल अर्पित कर अभिवादन किया ।।