महाकुंभ 2025 के कुशल प्रबन्धन को और अधिक प्रभावी एवं तकनीकी नवाचारों को जोड़ते हुए अत्याधुनिक बनाने के दृष्टिगत प्रयागराज मेला प्राधिकरण द्वारा भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, इलाहाबाद (IIITA) के सहयोग से, महाकुम्भ-2025 हैकथॉन का आयोजन किया जा रहा है

महाकुंभ 2025 के कुशल प्रबन्धन को और अधिक प्रभावी एवं तकनीकी नवाचारों को जोड़ते हुए अत्याधुनिक बनाने के दृष्टिगत प्रयागराज मेला प्राधिकरण द्वारा भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, इलाहाबाद (IIITA) के सहयोग से, महाकुम्भ-2025 हैकथॉन का आयोजन किया जा रहा है।

हर थीम में बेस्ट सोल्यूशन देने वाली टीम को एक लाख रू० का इनाम दिया जाएगा।

स्वीकृत समाधानों को प्रारंभिक वित्त पोषित किया जाएगा और मेला प्राधिकरण द्वारा आगे बढ़ाया जाएगा।

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विज्ञप्ति

महाकुंभ 2025 के कुशल प्रबन्धन को और अधिक प्रभावी एवं तकनीकी नवाचारों को जोडते हुए अत्याधुनिक बनाने के दृष्टिगत प्रयागराज मेला प्राधिकरण द्वारा भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, इलाहाबाद (ITA) के सहयोग से, महाकुंभ 2025 हैकथॉन का आयोजन किया जा रहा है, जिसके अन्तर्गत सभी राष्ट्रीय संस्थानों और अन्य प्रसिद्ध संस्थानों / कॉलेजों के छात्रों को प्रतिभाग करने का एक असाधारण अवसर मिलेगा। इस हैकथॉन के माध्यम से दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन से जुड़े सबसे चुनौतीपूर्ण मुद्दों के टेक्नालाजिकल सोल्यूशन देने का अवसर इन छात्रों को मिलेगा। शुरुआत में 3 विषयों की पहचान की गई है जिनसे जुडी समस्याओं के समाधान हेतु यह बच्चे अपने-अपने सोल्यूशन पर काम करेंगे।

(ए) सिक्योरिटी एण्ड सर्विलांस (सुरक्षा और निगरानी)

(बी) एक्सटेंडेड रियलटी (एक्सआर) सोल्यूशन फार एक्सपीरियेंशियल कुंभ

(सी) मानीटरिंग इन्वेंट्री, फॅसिल्टीज एण्ड यूटिलिटी

इस हैकथॉन में प्रतिभाग कर रहे छात्र इन समस्याओं का टेक्नालाजिकल सोल्यूशन देंगे तथा हर थीम में बेस्ट सोल्यूशन देने वाली टीम को एक लाख रू० का इनाम दिया जाएगा। इस हैकथॉन का पंजीकरण शीघ्र ही प्रारम्भ होगा तथा फरवरी 2024 से शार्टलिस्ट टीम के 2-3 मेंम्बर को यहां आकर माघमेले 2024 में प्रतिभाग करते हुए उपयोगी डेटा कलेक्ट करने तथा माघमेले में हो रहे कार्यों का अनुभव कराया जाएगा। कोडिंग पीरियड 1-15 मार्च 2024 तक चलेगा तथा फाइनल इवैल्यूएशन 15-20 मार्च के बीच किया जाएगा। हर टीम शिर्फ किसी एक थीम पर ही कार्य कर सकेगी एवं उसका साइज 4-6 मेम्बर तक हो सकता है।

मण्डलायुक्त एवं अध्यक्ष प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने स्पष्ट करते हुए बताया कि महाकुंभ 2025 के लिए, सामान्य दिशा पारंपरिक समाधानों के साथ प्रौद्योगिकी का मिश्रण करना है। इसलिए कुंभ मेले के दौरान आने वाली सुरक्षा, निगरानी, गतिशीलता, भीड़ प्रबंधन, एक्सटेंडेड रियलटी (एक्सआर) सोल्यूशन एवं सेवा स्तर बेचमार्किंग चुनौतियों के लिए नवीन तकनीकी समाधान प्राप्त करने के लिए इस हैकथॉन का आयोजन किया जा रहा है। स्वीकृत समाधानों को प्रारंभिक वित्त पोषित किया जाएगा और मेला प्राधिकरण द्वारा आगे बढ़ाया जाएगा।

ए) सुरक्षा एवं निगरानी

सुरक्षा एवं निगरानी से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण मुद्दे

भीड़ प्रबंधन और पूर्वानुमानित विश्लेषण

इसके अन्तर्गत डेटा एनालिटिक्स एवं प्रिडिक्टिव माडलिंग के प्रयोग से एक ऐसा सोल्यूशन बनाया जाएगा जिसके प्रयोग महाकुंभ मेले के दौरान भीड़ प्रबंधन को और बेहतर किया जा सकेगा। सिस्टम चरम भीड़ के समय की भविष्यवाणी करने, संभावित भीड़भाड़ वाले बिंदुओं की पहचान करने और भीड़ नियंत्रण के लिए सक्रिय उपायों की पहचान करने में सक्षम होना चाहिए।

रियल टाइम एनामिली डिटेक्शन

इसके अन्तर्गत एक ऐसी प्रणाली विकसित की जाएगी जो महाकुंभ मेले के दौरान सुरक्षा कर्मियों को कम समय में समझने तथा उस पर प्रभावी तरीके से रिस्पांड करने में सहयोग करेगा।

ड्रोन आधारित आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली।

इसके अन्तर्गत महाकुंभ मेला परिसर के भीतर घटनाओं की तुरंत पहचान करने और प्रतिक्रिया देने के लिए एक स्वायत्त ड्रोन-आधारित आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली डिजाइन की जाएगी। सिस्टम को मौजूदा निगरानी बुनियादी ढांचे के साथ एकीकृत करते हुए रियल टाइम वीडियो स्ट्रीमिंग, भीड़ की निगरानी और आपातकालीन आपूर्ति सुनिश्चित करने में उपयोग किया जाएगा।

बेहतर सुरक्षा के लिए गोपनीयता संरक्षित चेहरे की पहचान

इसके अन्तर्गत सुरक्षा की दृष्टिकोण से एक गोपनीयता-संरक्षित चेहरे की पहचान प्रणाली विकसित की जाएगी।

बी) क्सटेंडेड रियलटी (एक्सआर) सोल्यूशन फार एक्सपीरियेंशियल कुंभ

शहर एवं पर्यटन स्थलों पर भारी भीड़ के कारण, महाकुंभ में भाग लेने वाले तीर्थयात्रियों को शहर में आने के बाद भी प्रयागराज के सभी मंदिरों और सांस्कृतिक स्थलों का अनुभव करना मुश्किल हो जाता है। एक्सआर के उपयोग से तीर्थयात्रियों को वर्चुअल रियालिटी प्लेटफार्म के माध्यम से सभी चीजों का अनुभव कराया जाएगा।

सी) मानीटरिंग इन्वेंट्री, फैसिल्टीज एण्ड यूटिलिटी

इससे टेक्नालाजी का प्रभावी प्रयोग करते हुए डेटा कैप्चर जो अभी तक मैनुअल तरीके से किया जाता था जिससे कि त्रुटियो की संभावना बढ़ जाती है, उसे रोकना आसान हो जाएगा तथा मानीटरिंग मैकेनिजम भी बेटर हो जाएगा।

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