यातायत के अदृश्य कर्मचारियों व अधिकारियों से शहर की ट्रैफिक व्यवस्था फेल
शहर की यातायात व्यवस्था इन दिनों फिर से बिना पटरी के चल रही है। इस संबंध में ट्रेफिक विभाग भी कोई खास कार्रवाई करते नहीं दिख रहा है। ट्रेफिक कर्मियों द्वारा यातायात सुधारने के नाम पर चौराहों पर बिना हेलमेट के चालान ही काटकर यातायात व्यवस्था दुरुस्त करने के नाम मात्र राजस्व वसूली में व्यवथित नजर आ रही है। जबकि शहर के मुख्य बाजार में बेतरतीब खड़े वाहन मुख्य बाजार की संकड़ी सड़कों पर थ्री व्हीलर पर कोई लगाम नहीं कसी जा रही है। जिससे शहर में बदहाल यातायात व्यवस्था से हर कोई परेशान हो गया है। शहर में वाहन खड़े करने को लेकर यह स्थिति है कि वाहन कहीं भी खड़ा कर दो उसे पूछने वाला काेई नहीं है। वही नगर के मुख्य मार्गों पर बाजार में वाहन को सड़क पर लगा दिया जाता है। दिन में सड़के सकरी और रात में चौंडी हो जाती हैं। दुकानों के सामने खड़े वाहनो से लोग परेशान हो जाते है।उनका निकलना दूभर हो जाता है। मुख्य नजाई बाजार सराफा बाजार सहित स्टेट बैंक चौराहा से लेकर जवाहर चौराहा एवं कटरा बाजार से लेकर जवाहर चौराहा आदि मुख्य मार्गों पर इस कदर वाहन खड़े रहते हैं। कि लोग निकलने के लिए भी परेशान होते हैं दुकानों के सामने वाहन खड़े कर दिए जाते हैं। जहां लोगों का निकलना दूभर हो जाता है। इस दौरान यातायात पुलिस भी नजर नहीं आती है। बाजार के समय में लोग पैदल चलने वाले भी व्यवस्थाओं को कोसते नजर आते है। जब कही बड़ा जाम लगता है।तब यातायात पुलिस उथल पुथल नजर आती है।और इस व्यवस्था में कमी के चलते एंबुलेस भी अस्पताल तक पहुंचे में परेशान हो जाती है। वही बीमार मरीज की जान को भी खतरा पैदा हो जाता है। यातायात व्यवस्थाएं पूरी तरह से खत्म हो चुकी है। यातायात व्यवस्थाओं की निगहरानी करने वाले अदृश्य हो जाते है। लेकिन यातायात पुलिस एक काम में बहुत आगे नजर आ रही है। वह चेकिंग के नाम पर मात्र राजस्व वसूली में व्यवथित नजर आ रही है।