राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल की मौजूदगी में बस्ती से शुरू हुआ किन्नरों का पोर्टल पर पंजीकरण!

*शमसुलहक खान की रिपोर्ट*

*राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल की मौजूदगी में बस्ती से शुरू हुआ किन्नरों का पोर्टल पर पंजीकरण!*

2 ट्रांसजेण्डर को राज्यपाल ने किया सम्मानितः मुख्य कार्यकारी अजय ने राज्यपाल को दिया योजनाओं की जानकारी

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बोले किन्नर ताली बजाऊंगी नहीं बजवाऊंगी

बस्ती। राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल ने सोमवार को कलेक्टेªट परिसर में लगे विभिन्न विभागों और संस्थाओं द्वारा लगाये गये स्टाल का निरीक्षण किया। इस कड़ी में उन्होने इन्दिरा चैरिटेबल सोसाइटी एनजीओ द्वारा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार की किन्नरों के लिए योजना ‘स्माइल’ और  प्रधानमंत्री दक्ष- योजना से प्रेरणा लेते हुए किन्नरों के कौशल विकास और आजीविका के लिए ‘हुनरमंद किन्नर’  का कार्यक्रम के स्टाल का निरीक्षण किया। महामहिम राज्यपाल ने हुनरमंद किन्नर कार्यक्रम के दो प्रशिक्षुओं किन्नर काजल  और रेखा किन्नर को पुरस्कृत किया। 
इन्दिरा चैरिटेबल सोसाइटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजय कुमार पाण्डेय ने राज्यपाल को योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दिया। कलेक्ट्रेट सभागार में एनजीओ द्वारा ट्रांसजेंडर पर एक लघु फिल्म का प्रसारण किया गया और केंद्रीय योजना स्माइल के अंतर्गत भारत सरकार के ट्रांसजेंडर पोर्टल पर जिले का पहला पंजीकरण ट्रांसजेंडर काजल किन्नर को प्रतीकात्मक पंजीकरण कार्ड राज्यपाल द्वारा दिया गया। इस पंजीकरण कार्ड से किन्नर को भारत सरकार की तमाम योजनाओं का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा।
उन्होने बताया कि हुनरमंद किन्नर कार्यक्रम के अंतर्गत किन्नरों के लक्षित समूह को सिलाई प्रशिक्षण, ब्यूटी पार्लर का प्रशिक्षण, और 5 से 15 वर्ष के किन्नर बच्चों को खेलकूद और पढ़ाई के लिए प्रेरित करने भारत सरकार के ट्रांसजेंडर पोर्टल पर उनके पंजीकरण जैसे कार्यक्रमों का संचालन कर रहा है। ट्रांसजेंडर को कौशल विकास और व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है ताकि वह स्वरोजगार में लगकर गरिमा पूर्ण जीवन जी सके और एक प्रगतिशील और विकासशील समाज के रूप में इनकी हर जरूरत को पूरा कर जीवन को बेहतर बनाया जाय इस दिशा में कार्य किया जा रहा है। आजीविका और उद्यम के लिए वांछित व्यक्तियों की सहायता एनजीओ का मूल मंत्र है। एनजीओ यह प्रयास कर रहा है कि ट्रांसजेंडर समुदाय अब भीख ना मांगे बल्कि अपने बलबूते पर स्वरोजगार से अपने हुनर से अपना और अपने परिवार का निर्वहन कर सके। एनजीओ का प्रयास है कि ‘ताली बजाऊंगी नहीं बजवाऊंगी’ की कहावत को सही साबित कर सके।
उत्तर प्रदेश की किन्नर कल्याण बोर्ड के माध्यम से किन्नरो के कल्याणकारी योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ किन्नरो को प्रदान कराया जा सकें इस दिशा में लगातार प्रयास जारी है। मौके पर डॉ दिनेश कुमार विश्वकर्मा, संजय पाण्डेय, आलोक निधि पाण्डेय, डॉ सुरभि सिंह सहित संस्था के अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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