वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र अध्वर्यु ने अमर शहीद नारायण दास खरे जी की
मूर्ति पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की
टीकमगढ़ /01 दिसंबर 2023/अमर शहीद नारायण दास खरे जी की अस्पताल चौराहे स्थित प्रतिमा स्थली कवि श्री पुरानचंद गुप्ता,श्री राजीव नामदेव राणा लिधौरी, पत्रकार राजेंद्र अध्वर्यु ,कौशल किशोर भट्ट, श्री शीलचंद जैन, पूर्व सिविल सर्जन डॉक्टर सुमित जैन, श्री राम गोपाल रैकवार और नगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री भगतराम उर्फ भैय्यन यादव सहित अनेक साहित्य पत्रकार और वरिष्ठ नागरिक सहित भोपाल से आये रंगकर्मी श्री अजय खरे ने मूर्ति पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पितकी।
इस अवसर पर शाम नगर भवन लाइब्रेरी में आयोजित कार्यक्रम में डॉक्टर सुमित जैन श्री शीलचंद जैन, राजेंद्र अध्वर्यु,किशोर भट्ट, मनोज बाबू ने श्री नारायण दास खरे की जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आजादी की अलख जगाने वाले अमर शहीद शेरे बुंदेलखंड श्री नारायण दास खरे का जन्म ललितपुर जिले के ग्राम दैलवारा में 14 फरवरी 1918 को हुआ था बचपन में ही उनके पिता श्री गनपत सिंह जी स्वर्ग सिधार गए थे । 13-14 वर्ष की आयु में अपने चाचा श्री पारीछत जी के पास टीकमगढ़ में रहने लगे। उनके चाचा जी ओरछा राज्य में कानूनगो थे। श्री नारायण दास खरे अपने छात्र जीवन से ही अपने आस-पास के गांव में राष्ट्रीयता की अलख जगाने वाले पर्चे बांटने का काम करने लगे थे।15 अगस्त 1947 को जब देश स्वतंत्र हुआ तब देसी राज्यों ने अपने आप को स्वतंत्र मानकर प्रजातंत्र की स्थापना की माँग करने वाले कार्यकर्ताओं के प्रति अपना दमन चक्र आरंभ कर दिया। उन्होंने उत्तरदायी शासन के लिए आंदोलन आरंभ करने की घोषणा के साथ ही, श्री खरे जी 16 नवंबर से 30 नवंबर तक बड़ागांव क्षेत्र के विभिन्न ग्रामों में सभाएं कर आंदोलन की तैयारियां कर रहे थे। 1 दिसंबर 1947 को जब नारायणदास खरे जी अपनी साइकिल द्वारा बड़ागांव से टीकमगढ़ आ रहे थे तब नरौसा नाले पर उनकी पीठ पर गोली दाग दी गई। उनकी साइकिल व कपड़ों को भी पानी में डुबो दिया गया। उसके उन पर कुल्हाड़ी से वार कर उन्हें शहीद कर दिया था