शिव पुराण की कथा जीवन को चरित्रमय बनाने की कथा है (आचार्य सतानंद महाराज) — प्रयागराज मंडल से अभिषेक गुप्ता
प्रयागराज ,मुंशीराम प्रसाद की बगिया मुट्ठीगंज में 9 दिवसीय शिव महापुराण कथा के पंचम दिवस में वृंदावन से पधारे आचार्य सतानन्द जी महाराज ने श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि शिव का स्वरुप परम कल्याणकारी है, अनेकता में एकता का संदेश देने की कथा शिव महापुराण में वर्णित है । एवं शिव महापुराण की कथाएं जीवन को पवित्र बनाने वाली कथाएं हैं । भगवान शिव सभी को आनंदित करने वाले हैं । इसमें किसी तरह भेदभाव नहीं करते, सगुणता और निर्गुणता का जैसा सामंजस्य भगवान शंकर में है, वैसा और कहीं नहीं दिखाई पड़ता । संसारी होकर भी शिव विदेही है और विदेही होकर भी संसारी है । दुर्गुण में भी गुण देखने वाले भगवान शिव ही है । श्मशानवासी कहलाते है, लेकिन कैलाश की सुन्दर वादियों में विचरण करते है । शिव महापुराण अलौकि ग्रंथ हैं, जो पूरे समाज को परिष्कृत करने के लिए जागृत करता है । हमारा समाज के प्रति क्या कर्तव्य है और समाज की हमारे लिए क्या उपयोगिता है । महाराज श्री ने कहा कि जीवन में सुख और शांति के लिए शिव महापुराण का अध्ययन परम आवश्यक है । हमारा मन पानी की तरह है और पानी सदा नीचे की तरफ बहता है । उसे ऊपर चढ़ाने के लिए जैसे प्रयास करना पड़ता है, उसी प्रकार मन को भी साफ रखने के लिए प्रयास करना पड़ता है तभी यह सही दिशा में जाएगा ।
भगवान की दिव्य कृपा से ही कथा सुनने का मिलता है सौभाग्य और कहा कि जब भगवान की दिव्य कृपा होती है तब शिव महापुराण कथा सुनने का सौभाग्य प्राप्त होता है और अवरणीय सतगुणों का जब संग्रह होता है तब शिव महापुराण कथा कराने के लिए लोग प्रयत्नशील होते है । महाराज श्री ने कहा कि ईश्वरीय विधान को नहीं मानने वाले, उल्लंघन व विरोध करने वाले लोग दूसरे जन्म में कष्ट पाते हैं ओर नरक की योनि भुगतनी पड़ती है। पूजा करने वक्त क्रोध नहीं करना चाहिए क्रोध से नैतिक मूल्य नष्ट हो जाते है ।
और आगे कहा कि गुरू शब्द का अभिप्राय अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाना है। जिस व्यक्ति का कोई गुरू नहीं होता है वह सही मार्ग पर नहीं चल सकता है। अतः प्रत्येक को जीवन में गुरू अवश्य बनाना चाहिए।
कथा में पूर्व पार्षद सविता केसरवानी,कुमार नारायण, सपना आर्य,राजेश केसरवानी, साधना चतुर्वेदी, रामबाबू केसरवानी, मोहित केसरवानी, शैलेंद्र कुमार, एवं सैकड़ों लोग मौजूद रहे