श्री राम कथा कल्याणी देवी धाम — प्रयागराज मंडल से अभिषेक गुप्ता की रिपोर्ट
जीवन में रामायण की उपयोगिता ना बताने से धर्म के प्रति लोगों की अरुचि बढ़ती गई (डॉक्टर अनिरुद्ध महाराज)
महागौरी के रूप में मां कल्याणी देवी का हुआ श्रृंगार दर्शन
श्री नव संवत्सर मानस समिति कल्याणी देवी के तत्वाधान में मां कल्याणी देवी के धाम में आयोजित श्री राम कथा के अष्टम दिवस पर भक्तों को कथा का रसपान कराते हुए पूज्य व्यास अनिरुद्ध जी महाराज ने कहा कि रामायण, रामचरितमानस ,गीता एवं महाभारत जैसे ग्रंथों में जीवन के मूल आधार निहित है कि हमें क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए तथा जो नहीं करना चाहिए उसे करने का क्या दुष्परिणाम हुआ था, हुआ है और क्या हो सकता है। यह महत्वपूर्ण कमियां हमारे कथावाचकों में आ गई है कि इसका ज्ञात हम लोगों को नहीं कराते हैं और जीवन में रामायण की उपयोगिता ना बताने से जिसके कारण लोगों के अंदर सनातन धर्म के प्रति अरुचि बढ़ती गई और आगे की कथा पर चर्चा करते हुए व्यास जी ने कहा कि चित्रकूट में तीनों माताएं कौशल्या, कैकेई, सुमित्रा, दुखी मन से बैठी है सबसे पहले भगवान राम ने कैकई माता से प्रणाम किया जिससे कि उन्हें यह ना लगे मेरे वरदान मांगने से राम मुझसे नाराज तो नहीं है और यही राम का चरित्र है और यही चरित्र ने राम को भगवान बना दिया और राम के चरित्र से मानस का निर्माण होता । भगवान राम माता सीता और लक्ष्मण ने तीनों माता गुरु एवं गुरु माता को वहीं बुला कर बैठाया माता सीता ने माता कौशल्या कैकेई और सुमित्रा की दशा को देखा सफेद धोती हाथ में चूड़ियां नहीं है मांग में सिंदूर नहीं है और माता कौशल्या को वनवासी के रूप में देखकर दुखी होती है और सभी लोग माता सीता सहित राम और लक्ष्मण को आशीर्वाद देती हैं और राम लक्ष्मण ,सीता , गुरु वशिष्ट गुरु माता , और राजा जनक विचार कर रहे हैं कि स्थिति कुछ सहज व मनोस्थिति कुछ दुख सहने लायक हो जाए तो आगे वार्ता की जाए तब गुरु महाराज ने सारी स्थिति सहज हो जाने के बाद बताया कि महाराज दशरथ का स्वर्गवास हो गया है और व्यास जी ने आगे व्यास जी महाराज ने कथा को विस्तार पूर्वक बताया कि राम जी ने अपने पिता का पिंडदान शास्त्र संवत से किया प्रभु राम का या संदेश आज के नौजवान पुत्रों के लिए परंपराओं को पालन करने के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि आज लोग मृत्यु के बाद की छोड़ें जीते जी माता-पिता को वृद्धा आश्रम में छोड़ दे रहे हैं जो दुखद है और भगवान राम के कार्यों से पीढ़ी को प्रेरणा लेनी चाहिए
संचालन कर रहे समिति के प्रवक्ता ओंकार नाथ त्रिपाठी ने बताया की कथा के अंतिम दिवस पर भगवान श्री राम का राम उत्सव प्राकट्य का आयोजन किया जाएगा जिसमें पूजा भोग भजन कार्यक्रम आदि होगा
इस अवसर पर मां कल्याणी देवी मंदिर के अध्यक्ष एवं समिति के संयोजक पंडित सुशील कुमार पाठक एवं महामंत्री श्याम जी पाठक ने बताया कि नवरात्रि के अष्टम दिवस पर मां कल्याणी देवी का महागौरी के रूप में भव्य श्रृंगार दर्शन किया गया और प्रतिदिन अपने समय के अनुसार सत चंडी महायज्ञ, एवं मां कल्याणी का नित्य नूतन श्रृंगार दर्शन किया जा रहा है जहां दूर-दूर से को मां कल्याणी का दर्शन करने आते हैं
कथा में प्रमुख रूप से रईस चंद्र शुक्ला ,राजेश केसरवानी, अनिल पाठक ,केके पाठक, सुधीर शर्मा वैभव करवरिया ,रतन अग्रवाल, शिव बाबू त्रिपाठी कुंवर जी टंडन आनंद टंडन पप्पन भैया आदि समिति के पदाधिकारी कार्यकर्ताओं ने आरती की