रिपोर्ट_ पुष्पेन्द्र पांडेय हटा
बच्चे उस गीली मिट्टी के समान होते है जिन्हे जिस आकार में ढाल दो वही रूप धारण कर लेते,
जैन मंदिर में चल रही संस्कारों की पाठशाला
संस्कारों का बीजारोपण बचपन में हो, तभी बाद में मीठे फल मिलते है-बाल बिदुषी मयूरी व विभा दीदी
जैन मंदिर में चल रही संस्कारों की पाठशाला
हटा दमोह
बच्चे उस गीली मिट्टी के समान होते है जिन्हे जिस आकार में ढाल दो वही रूप धारण कर लेते, शिशुओं को धर्म और संस्कारों की शिक्षा सदैव बालकाल्य में ही देना चाहिए ताकि बाद में उसके सुखद परिणाम परिवार, समाज एवं आमजन को मिल सकें यह बात सांगानेर राजस्थान से आई बाल विदुषी मयूरी दीदी और विभा दीदी ने श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन बड़ा मंदिर में चल रहे श्रमण संस्कृति संस्कार शिक्षण शिविर में कही, दीदी द्वय के द्वारा मंदिर जी में रत्नकरण्डक, श्रावकाचार, इष्टोपदेष, छहढाला भाग एक एवं भाग दो का अध्ययन कराया जा रहा है।
गुरू उपकार महोत्सव के अवसर पर मुनि पुंगव निर्यापक मुनि श्री सुधासागर जी महाराज के सनिध्य में संचालित श्री दिगम्बर जैन श्रमण संस्कृति संस्थान सांगानेर राजस्थान के तत्वावधान में आयोजित आठ दिवसीय शिविर का शुभारंभ मंगलाचरण, कलश स्थापना एवं ध्वजारोहण से हुआ, शिविर में छोटे छोटे बच्चों के साथ सभी आयुवर्ग के श्रद्धालु धर्म लाभ ले रहे है।
सांगानेर से पधारी दोनों दीदीओं का सम्मान भारतीय जैन मिलन के द्वारा किया गया, शिविर में विविध प्रतियोगिताएं परीक्षाएं भी चल रही है, अव्वल रहे शिशु भक्तों को जैन महिला मिलन के द्वारा सम्मानित किया गया। इस अवसर पर भारतीय जैन मिलन के अध्यक्ष आदित्य सिंघई, महिला मिलन अध्यक्ष शोभना जैन, मनोरमा जैन, सिन्धुबाला जैन, वंदना जैन, हर्षा जैन, आराधना जैन, स्वाति जैन, आस्था जैन, संगीता जैन, मीना जैन, शालिनी जैन उपस्थित रहे, मिलन के पदाधिकारी में विनय बम्होरी, तरूण, अमित, विवेक, चक्रेष, बाहुबली, विपुल का सहयोग रहा।
मंदिर कमेटी अध्यक्ष एडवोकेट विवेक जैन के द्वारा आभार व्यक्त किया गया।