*शमसुलहक खान की रिपोर्ट*
*सपने को पूरा करने की ज़िद ने दिलाई सफलता।*
बस्ती ज़िले की रहने वाली अनामिका अपने परिवार की पहली न्यायिक अधिकारी बनकर न केवल अपने गांव बल्कि पूरे ज़िले का नाम रोशन की है।
हाल ही आए उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा सिविल जज के परिणाम में अनामिका ने अपना परचम लहराया है।
उत्तर प्रदेश के एटा जिले के जी आई सी कॉलोनी में रहने वाले लेखपाल
नंदलाल की पुत्री अनामिका की प्रारंभिक पढ़ाई एटा जिले के सरस्वती विद्या मंदिर से हुई। यहां से इण्टर मीडिएट की पढाई पूरी करने के बाद उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए दिल्ली में गुरु गोविंद सिंहइंद्रप्रस्थ विश्व विद्यालय में दाखिला ली। जहां से बीए एल एल बी की । जो 2020 में पूरी कर ली। कोरोना के कारण घर पे लौटना पड़ा परन्तु समय का संयम से लाभ उठाते हुए अनामिका ने ऑनलाइन कोचिंग एवम अन्य ऑनलाइन माध्यमों के ज़रिए प्रतियोगी प्रतियोगिता की तैयारी शुरू कर दी ।
अनामिका ने इससे पहले राजस्थान एवम मध्य प्रदेश के न्यायिक सेवा में प्रतिभाग की जिसमें असफल रही परन्तु निराश नहीं हुई। मीडिया से मुखातिब होके अनामिका ने अपने असफलता के बारे में कहा किजब हम कुछ बड़ा करने की पहल करते हैं तो छोटी मोटी नाकामी तो आती ही है जिसको स्वीकार करनी चाहिए। इसके बाद और ताकत एवम बल के साथ तैयारी शुरू कर दी जिसका परिणाम यह रहा की उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा सिविल जज के प्रथम प्रयास में ही सफलता हासिल कर ली। अनामिका के इस उपलब्धि से पूरे क्षेत्र में खुशी का माहौल बना हुआ है। उनके पैतृक गांव बिरऊपुर में लोग उनके घर पे उनके परिवार को बधाइयां देने पहुंच रहे हैं। अनामिका ने अपने सफलता का श्रेय अपने माता पिता , फूफा प्रहलाद सिंह एस डी एम, बड़े भाई महेंद्र कुमार , बड़े भाई आदित्य, बड़ी बहन ऋचा, छोटे भाई अंकुर, मयंक, मामा राजेश, बड़े पापा काशी प्रसाद , ओम प्रकाश, चंद्र प्रकाश, भगवान दास, नाना भवानी प्रसाद, मामा राकेश कुमार, सूरज, संजय,निजी गांव के सम्मानित जनता में डॉक्टर उमेश कुमार श्रीवास्तव, वसीउद्दीन, दिलशाद अहमद खां, बदरुद्दीन, जहीरूद्दीन को दी।