नौतनवां: नौतनवा रेलवे स्टेशन पर सुबह लगभग 6:05मिनट पर चलने वाली ट्रेन को पकड़ना हुआ मुश्किल, जान जोखिम में डालकर यात्री करते हैं यात्रा। नौतनवा से गोरखपुर के लिए पैसेंजर ट्रेन सुबह 6:05 मिनट पर नौतनवा से गोरखपुर के लिए प्रस्थान होती है।जिसको पकड़ने के लिए आस पास के ग्रामीण क्षेत्रों से व नेपाल से अपनी नृत्य नैमित्तिक के कामो, दवा और व्यपारिक जरुरतों के लिए लोग बड़ी संख्या में गोरखपुर जाते हैं। यात्री राजेश,शरर्वेश्वर,प्रमोद,श्याम,विकास बरनवाल,संतोष कुमार,निखिल,अजय का कहना है कि सुबह 6:05 मिनट पर जाने वाली ट्रेन से जब हम यात्रा करते हैं। तो टिकट की खिड़की 5:30 बजे खुलती है। इससे भारी संख्या में यात्रियों की भीड़ इकट्ठा हो जाती है। और दो काउण्टर के बजाए एक ही टिकट काउण्टर
खोला जाता है। जिस कारण सब को टिकट मिल पाना बहुत मुश्किल हो जाता है। यात्रियों का यह भी कहना है।कि सुबह वाली ट्रेन प्लेटफार्म नम्बर दो पर लगती है।जबकि प्लेटफार्म नम्बर एक कभी कभी खाली रहता है। फिर भी ट्रेन को दो पर ही लगाया जाता है।जिससे महिलाओं बुजुर्गों एवं बच्चों को चलने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।एवं पैदल पुल पार कर के ट्रेन को पकड़ना बहुत कठिन हो जाता है।अक्सर बीमार बुजुर्गों को ले जाने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।ट्रेन के हार्न देते ही यात्रियों में ट्रेन पकड़ने की होड़ मच जाती है।क्या मर्द ,क्या,औरत क्या,बच्चे क्या,बूढ़े सब बिना पैदल पुल के ही डायरेक्ट लाइन को क्रॉस कर के ट्रेन पकड़ने लगते हैं।टिकट के चक्कर मे यात्री चलती हुई ट्रेन पकड़ने को मजबूर हैं।जिससे जान जाने का खतरा है। यात्री खुद समझदार है।फिर भी टिकट नहीं मिलने के कारण मजबूर होकर अपने यात्रा के चक्कर में अपने जान को जोखिम में डालकर ट्रेन को पकड़ते है।
सारी जानकारी होने के बावजूद भी जिम्मेदार बने हैं मूक दर्शक, किसी अनहोनी का है इंतजार।
राजेंद्र सिंह व निखिल यादव ने बताया कि ऑनलाइन टिकट नौतनवां से गोरखपुर का पैसेंजर ट्रेन के टाइम पर भी ₹45 में मिल रहा है।नौतनवा टिकट हाल में ऑनलाइन टिकट निकालने के लिए एटीवीएम मशीन रखी हुई है।जिससे लोग जरूरत पड़ने पर टिकट निकालते हैं।तो उनको ₹20 अत्यधिक भाड़ा देकर यात्रा करना पड़ता है।जबकि वहीं टिकट काउण्टर से टिकट लेने पर टिकट ₹25 में मिल रहा है।
सुबह की ट्रेन से यात्रा करने पर काउण्टर से टिकट नहीं मिलने से ₹20 अत्यधिक भाड़ा देकर यात्रा करने को मजबूर है यात्री।
आधे घंटे पहले खोला जाता है काउण्टर।दो काउण्टर के बजाए एक ही काउण्टर से काम किया जाता है।और ना तो कोई प्रशासनिक व्यवस्था होती है।ताकि सुरक्षा व्यवस्था व लाइन को सही कराया जाए। नही रेलवे सुरक्षा के गार्ड ताकि टिकट कटाने में लाईन की व्यवस्था सही चले।जिससे प्रभावशाली मन चाहे आगे से टिकट ले लेते है।यात्रियों को बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
यात्रा के चक्कर में जान को जोखिम में डालकर चलती ट्रेन पकड़ने को मजबूर है यात्री।
ट्रेन जाने के बाद प्लेटफार्म पर खड़े विकास बरनवाल ने बताया कि, यात्रा करने के लिए ट्रेन के समय से 35 मिनट पहले प्लेटफार्म पर पहुंच गए थे।भीड़ होने के कारण टिकट नहीं मिल सक। जिस कारण हमने ट्रेन छोड़ दिया, अब ₹25 टिकट के बजाय लगभग डेढ़ सौ रुपए में बस की यात्रा करने को मजबूर है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
स्टेशन अधीक्षक जफरे आलम ने बताया कि सुबह ट्रेन जाने से1घंटा पहले बुकिंग खिड़की खुल जाती है। बुकिंग क्लर्क समय से उपस्थित हो जाते हैं।यात्रियों के समस्या के समाधान के कारण ही विभाग मोबाइल एप और एटीवीएम मशीन के उपयोग के लिए लोगों को समय समय से प्रेरित करता है। ताकि लोगों को लाइन में ना लगना पड़े,नियमानुसार एक खिड़की के लिए ठेके पर एक कर्मचारी तैनात है।जो समय से अपनी ड्यूटी करते है।एटीवीएम मशीन में सेटिंग है।जो यात्री श्रेणी का चयन कर पैसेंजर ट्रेन का टिकट काट सकते हैं।जिससे यात्रियों का बचत होगा।45 रुपए में निकलने वाला टिकट श्रेणी चयन न करने पर स्वतःही निकल जाता है।