सेवा के लिए धन नहीं श्रम महत्वपूर्ण हैमरघट में पडे घडा मटका से परिन्दों के लिए पानी पीने बर्तन बनाये

हटा दमोह संवाददाता पुष्पेन्द्र रैकवार


जगह जगह परिंदो को रखा पीने का पानी
प्रचंड गर्मी में पानी के लिए दर-दर भटकते हैं परिंदे
हटा दमोह
नगर के मुक्तिक्तधाम को समाजसेवियों के द्वारा विगत 30 वर्षो से आक्सीजन जोन बनाने का प्रयास किया जा रहा है, सैकडों की संख्या में विभिन्न प्रकार के पौधे रोपित किये गये जो अब वृक्ष बनते जा रहे है,

इस कार्य में किसी भी प्रकार के कोई सरकारी सहयोग धन आदि नहीं लिया जा रहा है, नगर के उत्साहियो द्वारा ही यह कार्य किया जाता है,
अब भीषण गर्मी में मुक्तिधाम में सेवा, समय व श्रमदान करके केवल वृक्षों का ही नहीं अपितु पशु पक्षियों का भी ख्याल रखकर चिड़ियों को सकोरो में पानी रखा जा रहा है।
गर्मी के कारण तालाब, पोखरों और नालियों का भी पानी सूख रहा है जिसके कारण पशु पक्षियों को पानी की बहुत परेशानी हो रही है,

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मुक्तिधाम में निरंतर सेवादान करने वालों ने एक नई पहल करके वहां पडे बेकार मटका, घडा मिट्टी के अन्य पात्र को एकत्र किया उन्हे सकोरे का आकार देकर साफ स्वच्छ पानी पक्षीयों के लिए रखा, पानी के पात्र हर घने वृक्षों के नीचे रखे जहां केवल पक्षी ही नहीं लगभग सभी छोटे जीव आकर अपनी प्यास बुझा रहे है,
समाजसेवियों ने बताया सेवा के लिए धन से भी ज्यादा सेवा की भावना का होना महत्वपूर्ण है, मुक्तिधाम में ही उपलब्ध संसाधन से ही पक्षीयों के पीने के पानी की उत्तम व्यवस्था युवाओं के द्वारा की गई, अब मुक्तिधाम में सूर्योदय से सूर्यास्त तक वहां पक्षियों के चहकने की आवाज सुनाई देती है,


इसके अतिरिक्त सेवा कार्य में समाजसेवियो के द्वारा पौधों में पानी दिया गया मुक्तिधाम में चारों और फैली गंदगी को साफ किया
श्रमदान में समाजसेवी पंडित राजाराम गोस्वामी, अशोक चंपी चौरसिया, कामता नारायण तंतुवाय, पुष्पेंद्र मोनू पांडे, शिवशंकर कुशवाहा, सोनू पंडा,रियल अग्रवाल,सुशील सेलट, पप्पू रैकवार उपिस्थत रहे,

नगर के समाजसेवी मुक्तिधाम को बना रहे नंबर वन पर

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