सोनभद्र में “एम्स” एवं केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना हो – पूर्वांचल राज्य जनमोर्चा

सोनभद्र। अलग पूर्वांचल राज्य की मांग कर रहे संगठन पूर्वांचल राज्य जनमोर्चा ने मंगलवार को अधिवक्ता भवन,तहसील परिसर, राबर्ट्सगंज, सोनभद्र में बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता डिस्ट्रिक बार एसोसिएशन सोनभद्र के महामंत्री विमल प्रसाद सिंह एडवोकेट ने किया। राष्ट्रीय महासचिव पवन कुमार सिंह एडवोकेट ने कहा कि सोनभद्र का तीन दशक बाद भी अपेक्षित विकास नहीं हो सका। मोर्चा ने मांग किया कि यहां एम्स जैसे एक उच्च स्तरीय स्वास्थ्य संस्थान बने एवं केंद्रीय विश्वविद्यालय बने जिससे छात्र पढ़ सकें। जनपद के सोनभद्र रेलवे स्टेशन से मुंबई, कोलकाता, गुजरात व अन्य बड़े शहरों के लिए सीधे ट्रेनों का संचालन किया जाना चाहिए। सरकार का जनसरोकारी सोच होनी चाहिए जिनसे की जनपद के चहुमुखी विकास हो। राष्ट्रीय प्रवक्ता संदीप जायसवाल ने कहा कि सोनभद्र उत्तर प्रदेश मे क्षेत्रफल के हिसाब से बड़ा जिला है। यह भारत का एकमात्र जिला है जो चार राज्यों की सीमा में है, अर्थात् पश्चिम में मध्य प्रदेश, दक्षिण में छत्तीसगढ़, दक्षिण-पूर्व में झारखंड और उत्तर-पूर्व में बिहार। सोनभद्र जिला एक औद्योगिक क्षेत्र है और इसमें बहुत सारे बॉक्साइट, चूना पत्थर, कोयला, सोना आदि हैं। इसे “भारत की ऊर्जा राजधानी” कहा जाता है क्योंकि यहां बहुत सारे बिजली संयंत्र हैं और कैमूर वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी, सलखन जीवाश्म पार्क, विजयगढ़ किला, अगोरी फोर्ट, मुक्खा वॉटरफाल जैसे स्थलों के साथ रॉक पेंटिंग जल्द ही पर्यटन मानचित्र पर अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज करा रहा है किंतु यहां न विश्वविद्यालय, न एम्स और नही आधारभूत सुविधाएं। इस अवसर पर काकु सिंह, अनिल कुमार सिंह, वीरेंद्र कुमार सिंह एडवोकेट, लक्ष्मी कांत शुक्ला, अशोक कुमार कनौजिया एडवोकेट, संतोष चतुर्वेदी, पवन कुमार द्विवेदी एडवोकेट, राजकुमार सिंह, नवीन कुमार पांडे, नेतराज पटेल, दीप नारायण पटेल अशोक सिंह आदि लोग उपस्थित थे।

Keep Up to Date with the Most Important News

By pressing the Subscribe button, you confirm that you have read and are agreeing to our Privacy Policy and Terms of Use
Advertisement