जिस थानेदार की छत्रछाया में छांगुर बाबा बढ़ा। उसने लखनऊ में करोड़ों की जमीन खरीदी। उसने ही छांगुर के विरोधियों पर मुकदमा दर्ज कराने से लेकर जमीनों और मकानों पर कब्जा तक कराया था।बलरामपुर के तत्कालीन पुलिस अधिकारियों से अवैध धर्मांतरण के आरोपी जमालुद्दीन उर्फ छांगुर की मिलीभगत रही। आतंकवाद निरोधी दस्ता (एटीएस) ने छांगुर, नीतू , नवीन व महबूब सहित 10 के विरुद्ध दर्ज मुकदमों में इसका जिक्र किया है। अब बात सिस्टम की गठजोड़ से आगे।
असल में जिस कोतवाल की छत्रछाया में छांगुर बढ़ा, उसने लखनऊ में करोड़ों की जमीन खरीदी है। अपर मुख्य सचिव, गृह एवं गोपन विभाग को भेजी गई रिपोर्ट में बताया गया है कि उतरौला में छांगुर ने करीब 2010 से ही जड़ जमाना शुरू कर दिया था।