एसके सोनी मानवाधिकार मीडिया
असली आरोपी बाहर है नवयुवक को आरोपी बनाकर भेजा जेल- पीड़ित, सैकड़ो व्यापारियों की नारेबाजी के बाद सही आरोपियों पर कार्यवाही का आश्वाशन
रायबरेली। उप्र. उद्योग व्यापार मंडल चौहान गुट लगातार व्यापारियों के उत्पीड़न की आवाज शासन प्रशासन सरकार तक पहुँचाता है एक बार फिर प्रदेश अध्यक्ष जीसी सिंह चौहान व टीम के नेतृत्व में पुलिस मुख्यालय का सैकड़ो व्यापारियों के साथ घेराव करते हुए जमकर नारेबाजी की। नारेबाजी के बाद मुकदमा दर्ज कर एसपी ने कार्यवाही का आश्वाशन दिया है।
प्रदेश मीडिया प्रभारी एसके सोनी ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया यह मामला भदोखर के ग्राम बेला गुसीसी का बताया गया है जहां लगभग दो माह पूर्व मो० अयूब के छोटे भाई ऐन अली की हत्या हो गयी। ऐन अली दिनांक 29 नवम्बर 2023 को निमंत्रण में घर के पीछे रहने वाले राम बहादुर प्रजापति तथा दूसरी शादी सुमन लता सैनी के यहाँ विवाह कार्यक्रम में सम्मिलित होने गया था। लेकिन घर वापस नही आया, सुबह 06 बजे रूही पत्नी नफीस ने उनके दरवाजे के पास पड़े होने की सूचना दी, डाक्टरों के देखने के बाद उसे मृत घोषित कर दिया, पीड़ित व्यापारी के 12 दिन तक थाने के चक्कर लगाने के बाद सूचना रिपोर्ट नहीं लिखी गयी बाद मे एसपी से मुलाकात के बाद मामला दर्ज हुआ। पीड़ित का आरोप है कि पुलिस ने मन गढ़त एवं मनमाने तरीके से असली अपराधियों को बचाने के लिए इरशाद अली पुत्र सुल्तान को अभियुक्त बनाकर जेल भेज दिया। पीड़ित ने आशंका के आधार पर सूचना देने आयी महिला रूही पत्नी नफीस व उसके कुछ अज्ञात साथियों द्वारा हत्या रूही के घर में करने का आरोप लगाया है। पुलिस के मनमानी रवैया को लेकर पीड़ित व्यापारी ने चौहान गुट प्रदेश अध्यक्ष जीसी सिंह चौहान के नेतृत्व मे डीएम एसपी कार्यालय का घेराव करते हुए स्थानीय पुलिस की जाँच संदेहस्पद के चलते अन्य एजेन्सी से निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिलाने की मांग उठायी है। इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष जीसी सिंह चौहान, संदीप पाठक, जिलाध्यक्ष मो0 उमर, मो आरिफ, नगर अध्यक्ष आशीष वर्मा, सरवरी बानो, अरविन्द चौधरी, मीडिया प्रभारी वसीम खान, इम्तियाज सहित पीड़ित व्यापारी परिवार व अन्य सैकड़ो व्यापारी मौजूद रहे।
नगर कोतवाल थे पूर्व मे भदोखर प्रभारी, घटना मे लीपा पोती का आरोप
ज्ञात हो भदोखर क्षेत्र की इस हत्या की घटना के समय वर्तमान नगर कोतवाल राजेश सिंह भदोखर थाना प्रभारी थे, अपनी चर्चा मे घिरे रहने वाले थानाध्यक्ष उस समय पेपर की सुर्खियों मे रहे, यहां तक कि नगर कोतवाल का चार्ज लेने के बाद भदोखर मे रही चर्चाएं मोबाइल पर खबरो की सुर्खियाँ बनी रही। पीड़ितों का आरोप है कि काफी दिनों तक इन्होने मुकदमा ही नही दर्ज किया वही मीडिया मे चर्चा व एसपी के आदेश के बाद लगभग 12 दिन बाद मुकदमा पंजीकृत हुआ। पीड़ितों की माने तो जिसे जेल भेजा है वह मृतक को ठीक से थप्पड़ भी नही मार सकता है ऐसे मे हत्या तो दूर की बात है। ऐसे तमाम आरोप प्रत्यारोप के बीच पीड़ित व्यापारी परिवार सिर्फ सरकारी चौखट के चककर ही लगा रहा है, अब घटना मे क्या मामला क्या सच क्या झूठ है यह तो जाँच का विषय है।