महर्षि संस्थान, महर्शी विद्यालयों, महर्षि वैदिक विश्विद्यालय के साथ इसके उच्च अधिकारियों व गिरीश चंद्र वर्मा के विरूद्ध जांच कार्यवाही ईडी व सीबीआई से हो —- आर के पाण्डेय एडवोकेट
—1992 से 2024 तक के क्रिया कलापों की जॉच।
—धर्म व शिक्षा के नाम पर भ्रष्टाचार।
प्रयागराज। महर्षि महेश योगी वैदिक विश्व विद्यालय के परीक्षा केंद्र में पुस्तक रखकर खुलेआम नकल किए जाने का आरोप लगाते हुए मप्र छात्र संगठन ने परीक्षा केंद्र में जमकर हंगामा किया है जिसके बाद वास्तविक स्थिति के साथ महर्षि वैदिक विश्वविद्यालय के स्थापना से अद्यतन पूरी व्यवस्था के जॉच कार्यवाही हेतु वरिष्ठ समाजसेवी अधिवक्ता आर के पाण्डेय (हाई कोर्ट इलाहाबाद) ने मध्य प्रदेश सरकार तथा केंद्र सरकार से मांग के साथ इस विश्वविद्यालय व इसके कुलाधिपति गिरीश चंद्र वर्मा के संपत्तियों की जांच ईडी से कराने के साथ महर्षि संस्थान के कैंपस में हुई मौतों की जांच कार्यवाही सीबीआई से कराने की मांग की है।
जानकारी के अनुसार आर के पाण्डेय एडवोकेट ने वर्ष 2011 व उसके बाद से लगातार उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश के राज्य सरकारों के साथ केंद्र सरकार व उसके तमाम विभागों से महर्षि शिक्षा संस्थान द्वारा संचालित महर्षि विद्या मंदिर विद्यालयों, इसके चेयरमैन गिरीश चंद्र वर्मा, महर्षि वैदिक विश्वविद्यालय आदि के विरूद्ध उच्च स्तरीय जॉच कार्यवाही की मांग की थी। शिकायतकर्ता आर के पाण्डेय एडवोकेट का कहना है कि महर्षि संस्थान सम्बन्धी मिल रही तमाम शिकायतें स्पष्ट रुप से प्रमाणित करती हैं कि उनके द्वारा समय-समय पर की गई शिकायतें बिल्कुल सही थीं तो पूरी जॉच कार्यवाही अभी तक क्यों नहीं? इस बावत आर के पाण्डेय एडवोकेट की मांग है कि वर्तमान परिस्थितियों में मध्य प्रदेश राज्य सरकार, उत्तर प्रदेश राज्य सरकार, केंद्र सरकार व इसके सभी सक्षम जांच एजेंसियों को महर्षि संस्थान, इसके विभिन्न प्रतिष्ठान व उसके उच्च अधिकारियों तथा गिरीश चंद्र वर्मा के 1992 से 2024 तक की सभी गतिविधियों के साथ पूरी अर्जित चल -अचल संपत्ति व आय -व्यय के साथ इसके धर्म व शिक्षा के नाम पर किए गए भ्रष्टाचार की जांच कार्यवाही किया जाना नितांत आवश्यक व जनहित में विधि सम्मत है।
बता दें कि महर्षि वैदिक विश्व विद्यालय में सामूहिक नकल का वर्तमान आरोप इसके एमबीए, एमए व एमएसडब्ल्यू के प्रथम सेमेस्टर से संबंधित है।