डिप्यूटी चीफ ब्यूरो प्रमुख भूपेंद्र देवांगन
जांजगीर चांपा (मानवाधिकार मीडिया)आपको बता दे कि स्वामी जी कहते है कि केसर एक ऐसी सामग्री है, जो मनुष्य के लिए प्रकृति का अनमोल उपहार है, जिसका उपयोग सदियों से न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए होता आया है, बल्कि पूजा-पाठ में भी किया जाता है, किन्तु बहुत कम लोग ही जानते हैं, कि किसी भी धार्मिक अनुष्ठान की पवित्रता बढ़ाने के लिए केसर का प्रयोग किया जाता है। सांस्कृतिक समारोहों में इसका उपयोग जरूरी माना गया है।
केसर की प्रकृति में सीमित उपलब्धता के कारण, यह बहुत मंहगा है, शायद इसीलिए हर व्यक्ति केसर का उपयोग नहीं कर पाता, और आम जन को केसर के आध्यात्मिक उपयोग के बारे में ज्यादा मालूम नहीं है। अतः केसर के अद्भुत शक्ति के बारे में बताना आवश्यक हो जाता है। भोज्य पदार्थों में केसर के प्रयोग से चार-चांद लग जाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं, विशेष शक्तियाँ अर्जित करने के लिए, सकारात्मक ऊर्जा और सौभाग्य का आह्वान करने के लिए केसर का उपयोग पूजा अनुष्ठानों में किया जाता है।
केसर को उच्च चक्रों, विशेष रूप से आज्ञा चक्र से जुड़ा माना जाता है, जो आध्यात्मिक ज्ञानोदय से जुड़ा है। ऐसा माना जाता है कि केसर का उपयोग इन ऊर्जा केंद्रों को खोलने और संरेखित करने में मदद करता है। ज्योतिष में केसर एक बहुत ही पावन सामग्री मानी जाती है और इसका उपयोग कई तरह के ग्रहों की शांति के साथ घर की समृद्धि बढ़ाने के लिए किया जाता है, केसर का पूजा में प्रयोग बहुत शुभ माना जाता है, क्योंकि इसके कई सकारात्मक प्रभाव भी होते हैं। ज्योतिष में केसर का संबंध बृहस्पति ग्रह से होता है, जो भाग्य और समृद्धि का ग्रह है। यदि आप गुरु बृहस्पति की पूजा में केसर का उपयोग करते हैं, तो आपका बृहस्पति मजबूत होता है। केसर का पूजा या आरती में इस्तेमाल करने के बाद इसका तिलक मस्तक पर लगाने से आज्ञा चक्र जागृत होता है, और शरीर के सभी चक्रों को मजबूत करने में सहयोग मिलता है। जब भी आप केसर से पूजा करें, तब ध्यान रखें कि यह शुद्ध होना चाहिए। शुद्ध केसर का प्रचण्ड प्रभाव होता है। अनुष्ठानों जैसे पूजा या हवन में शुद्ध केसर का ही उपयोग करें अन्यथा मनोवांछित फल प्राप्त नहीं होगा। जीवन में कैसा भी संकट हो, माँ बगलामुखी की आराधना से संकट टल जाता है, और माँ बगलामुखी अनुष्ठान, का मुख्य सामग्री केसर है, केसर से हवन करने पर मारण, मोहन उच्चाटन और स्तम्भन जैसी घातक क्रियाओं से भी सुरक्षा प्राप्त की जा सकती है। इतना ही नहीं केसर से हवन करने के अनगिनत फायदे हैं, धन लाभ, गृह क्लेश निवारण, शत्रुओं पर विजय प्राप्ति, ऋण मुक्ति, विद्या प्राप्ति, स्वास्थ्य लाभ और असम्भव से लगने वाले कार्यों में भी सफलता प्राप्ति की जा सकती है। केसर से हवन करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रसार होता है, मानसिक शांति मिलती है, वर्षों से रुके हुए कार्यों में प्रगति आती है, कार्य शीघ्रता से पूर्ण होते हैं।जिनके विवाह में बाधा आ रही हो ऐसी कन्या यदि बृहस्पति वार का व्रत कर, केसर को विष्णु जी के प्रसाद में शामिल करे तो विवाह में आने वाली बाधा दूर होती है। केसर को एक पवित्र और शुभ पदार्थ माना जाता है, इसलिए इसका उपयोग ग्रह और देवताओं को प्रसन्न करने या अनुकूल ग्रहों से आशीर्वाद लेने के लिए किसी भी अनुष्ठानों में प्रसाद तैयार करने के लिए किया जाता है। आपकी कुंडली में कोई दोष हो, तो केसर और शुद्ध चंदन की लकड़ी से हवन करने पर ग्रह दोष निवारण होता है, बाधाएं दूर होती हैं। कुंडली के समस्त ग्रहों की अनुकूलता प्राप्त करने के लिए अपनी पूजा में विशेष केसरयुक्त प्रसाद चढ़ाना प्रारम्भ करें, इसके पतले धागे किसी भी प्रसाद में और ज्यादा ज्योतिष लाभ जोड़ने में मदद करते हैं। केसर को अति पवित्र व आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देने वाली सामग्री माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इसे पूजा में किसी भी रूप में इस्तेमाल करने वाला व्यक्ति सीधे परमात्मा से जुड़ सकता है। जो व्यक्ति अपने जीवन में सफलता, आकर्षक व्यक्तित्व, सौंदर्य, धन, संपदा, आयु, आरोग्य प्राप्त करना चाहता है उसे प्रतिदिन अपने माथे पर केसर का तिलक करना चाहिए. केसर का तिलक करने से शिव जी, विष्णुजी, श्रीगणेश और माँ लक्ष्मी को प्रसन्न होती हैं। शिव से साहस, शांति, लंबी आयु और आरोग्यता मिलती है, साथ ही काली माँ के मंदिर में केसरयुक्त सामग्री से हवन करने से हर संकट से मुक्ति मिलती है।