बड़े भाई की हत्या के दोषी घनश्याम विश्वकर्मा को उम्रकैद

30 हजार रूपये अर्थदंड, न देने पर दो वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी

मृतक की पत्नी को अर्थदंड की समूची धनराशि 30 हजार रूपये तथा एक लाख 50 हजार रूपये बतौर प्रतिकर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के जरिए राज्य सरकार द्वारा दिया जाएगा।

ढाई वर्ष पूर्व हुए राधेश्याम विश्वकर्मा हत्याकांड का मामला

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सोनभद्र। ढाई वर्ष पूर्व हुए राधेश्याम विश्वकर्मा हत्याकांड के मामले में बृहस्पतिवार को सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम एहसानुल्लाह खां की अदालत ने दोषसिद्ध पाकर दोषी भाई घनश्याम विश्वकर्मा को उम्रकैद व 30 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर दो वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं मृतक की पत्नी को अर्थदंड की समूची धनराशि 30 हजार रूपये तथा एक लाख 50 हजार रूपये बतौर प्रतिकर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के जरिए राज्य सरकार द्वारा दिया जाएगा। अभियोजन पक्ष के मुताबिक सुमन देवी पत्नी राधेश्याम विश्वकर्मा निवासी विसुंधरी, थाना घोरावल, जिला सोनभद्र ने 12 दिसंबर 2021 को थाने में दी तहरीर में अवगत कराया था कि उसका देवर घनश्याम विश्वकर्मा पुत्र स्वर्गीय विश्वनाथ विश्वकर्मा उसके पति राधेश्याम विश्वकर्मा से बार बार अपनी पत्नी को मायके से लेकर आने का दबाव बना रहा था। उसके पति का कहना था कि जब तक अच्छे ढंग से अपनी पत्नी को नहीं रखोगे तो नहीं लाऊंगा। इसी बात से क्षुब्ध होकर 12 दिसंबर 2021 को दोपहर 12 बजे उसके पति राधेश्याम विश्वकर्मा को देवर घनश्याम विश्वकर्मा ने अपने कमरे में काम के बहाने बुलाया और पति को बेरहमी से लाठी डंडा से मारने पीटने लगा तथा फावड़ा और लोढ़ा से शिर कूंचने लगा। जब देर होने लगी तो देवर के कमरे में गई तो उसके पति गिरे हुए थे और देवर लोढ़ा से शिर कूंच कूंच कर मार रहा था। इस वाकए को देखकर जब उसने शोरगुल किया तो कई लोग आ गए और घटना को देखा। मौके से पति राधेश्याम विश्वकर्मा को मारकर देवर घनश्याम विश्वकर्मा जान मारने की धमकी देकर भाग गया। लाश मौके पर पड़ी है सूचना दे रही हूं। आवश्यक कार्रवाई करें। इस तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया। मामले की विवेचना करते हुए विवेचक ने पर्याप्त सबूत मिलने पर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान व पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी भाई घनश्याम विश्वकर्मा को उम्रकैद व 30 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर दो वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं मृतक की पत्नी को 30 हजार रूपये अर्थदंड की समूची धनराशि और एक लाख 50 हजार रूपये बतौर प्रतिकर के रूप में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के जरिए राज्य सरकार द्वारा दिया जाएगा। अभियोजन पक्ष की ओर से एसपीओ एसपी वर्मा ने बहस की।

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