झाँसी। संघर्ष सेवा समिति के तत्वाधान में विगत कई वर्षों से कन्याओं के विवाह में सहयोग की परंपरा चली आ रही है। हमारे धर्म में कन्यादान महादान माना जाता है एक कन्या के विवाह में यदि आप कुछ भी अंशदान करते हैं तो यह पुण्य कर्म कहलाता है। संघर्ष सेवा समिति अब तक सैकड़ो कन्याओं के विवाह आयोजित कर चुकी है और सैकड़ों कन्याओं के विवाह में सामाजिक और आर्थिक रूप से सहयोग भी करती आ रही है। इसी क्रम में पाल कॉलोनी निवासी एक बेटी हृदेश वंशकार को डॉ० संदीप सरावगी ने संघर्ष सेवा समिति परिवार में एक और सदस्य के रूप में सम्मिलित किया। हृदेश के पिता हरदयाल मास्टर मजदूरी करते हैं हृदेश के माता पिता ने अपनी बिटिया के होने वाले विवाह में बड़े भाई की तरह डॉ० संदीप सरावगी को आमंत्रित किया। डॉ० संदीप द्वारा स्त्रीधन के रूप में लोहे की अलमारी एवं अंय उपहार देकर विवाह में सहयोग किया। इस अवसर पर हृदेश ने कहा डॉ० संदीप को भाई के रूप में पाकर मैं आज बहुत अविभूत हूं मैं ईश्वर से प्रार्थना करती हूँ। हर बहन को संदीप भईया जैसा बड़ा भाई मिले जो हर सब दुख में उसके साथ खड़ा रहे मैं आजीवन संदीप भईया को बड़े भाई के रूप में सम्मान देती रहूंगी। वहीं हृदेश के साथ पहुंचे डमरू प्रधान ने कहा मैं काफी समय से संघर्ष सेवा समिति से जुड़ा हुआ हूँ कई बार डॉक्टर संदीप को सहयोग के लिए निवेदन किया और उन्होंने हमेशा अपने वचन अनुसार असहयों की सहायता की। डॉ० संदीप ने कहा हमारे समाज में महिलाओं को पुरुषों की अपेक्षा अधिक सम्मान दिया जाता है। हम हर लड़की को अपनी बहन बेटी की दृष्टि से देखेंगे तो हमारा चरित्र मर्यादित रहेगा और सहयोग की बात रही तो हर बिटिया अपना भाग्य ऊपर से लिखकर लाती है। मैं और हमारी समिति सदस्य स्वयं को बहुत सौभाग्यशाली समझते हैं कि हमें कन्याओं के विवाह में सहयोग करने और सम्मिलित होने का अवसर मिलता है हम आगे भी इस प्रकार के कार्यक्रमों को अनवरत चलते रहेंगे। इस अवसर पर प्रियाशरण चड्डा, भारत राज, हाजरा रब, अब्दुल रब, नीलू रायकवार, मीना मसीह, रेखा रायकवार, जगजीत सिंह, संदीप नामदेव, राजू सेन, सुशांत गेड़ा, अनिल, भूपेंद्र, अनुज प्रताप सिंह, भूपेंद्र यादव, बसंत गुप्ता, दिव्यांश चड्ढा, कमल मेहता आदि उपस्थित रहे।