ब्रेकिंग हापुड़ : डॉ० सोविन्द्र कुमार त्यागी की प्रारम्भिक शिक्षा हापुड में हुई। हाईस्कूल कुचेसर व इंटरमीडिएट की शिक्षा बाबूगढ़ से प्राप्त की। तत्पश्चात उच्छ शिक्षा हेतु मेरठ में आ गए और मेरठ कॉलेज मेरठ से B.A., M.A. (Economics), LL.B. की शिक्षा ग्रहण की व मेरठ कॉलेज मेरठ से ही L.L.M. की शिक्षा प्रथम डिवीजन में प्राप्त की। शिक्षा के दौरन लगभाग 10 साल तक रामानुज छात्रावास, मेरठ कॉलेज मेरठ में निवास किया। साथ ही अनेको सांस्कृतिक कार्यक्रम कराये। मेरठ कॉलेज में शिक्षा के साथ-साथ छात्र राजनीति में भी सक्रिय रहे। इसके पश्चात् सन 2004 में M.A. (Psychology) में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय परिसर, मेरठ में प्रवेश लिया तथा 2006 में महामन्त्री पद हेतु छात्रसंघ चुनाव लड़ा व छात्र राजनीति में काफ़ी सक्रिय रहे। इस दौरन विश्व विद्यालय परिसर में महाराणा प्रताप छात्रावास के कमरा नंबर – 65 में रहे। पूर्णतः किसान पृष्ठभूमि होते हुए भी अपना जीवन एक LML Vespa स्कूटर से शुरू करने वाले सोविन्द्र त्यागी ने अपने पिता श्री कांति प्रसाद त्यागी व माता श्रीमती दयावती त्यागी से प्रेरणा पाकर वर्ष 2010 में शिक्षा-दीक्षा पूर्ण करने के बाद अपने ही ग्राम बनखंडा जिला- हापुड़ में अपनी माताजी के नाम पर दयावती कॉलेज ऑफ लॉ बनखंडा, हापुड की स्थापना की देश में दिन प्रतिदिन बलात्कार के मामले बढ़ते चले जा रहे हैं। एक वह समय था जब निर्भया के साथ जिस तरह से दरिंदगी की गई थी पूरा देश सड़कों पर उतर आया था तब संपूर्ण सरकारी तंत्र ने इस समस्या को गंभीरता से लिया और तब ऐसा लगने लगा जैसे कि अब देश से बलात्कार जैसे जगन्य अपराध को समूल नष्ट कर दिया जाएगा ऐसा नहीं था की 2012 से पहले देश में इस प्रकार के अपराध नहीं हुए किंतु यह पहली बार था जब संपूर्ण देश एकजुट था किंतु कानून बनने के लगभग 5 वर्ष बाद तक निरंतर बढ़ते मामलों को समाचार पत्रों में पढ़कर हापुड़ में रहने वाले एक व्यक्ति सोविन्द्र कुमार त्यागी के मन में यह विचार आया कि आखिर ऐसा क्या है की मजबूत कानून होने के बावजूद भी हमारे देश में महिलाओं के साथ शोषण और बलात्कार की घटनाएं दिन प्रतिदिन बढ़ती चली जा रही है सोविन्द्र कुमार त्यागी ने अपने मन की जिज्ञासा को सुभारती लॉ कॉलेज, सुभारती विश्वविद्यालय के संकाय अध्यक्ष एवं आचार्य डॉ० वैभव गोयल भारतीय से साझा किया और दोनों ने मिलकर यह निर्धारित किया क्यों ना इस विषय पर एक शोध कार्य किया जाए। दोनों ने मिलकर एक शोध योजना भारतीय सामाजिक विज्ञान शोध परिषद के समक्ष जमा किया। साथ ही सोमेंद्र कुमार ने इस विषय पर विधि में पीएचडी करने हेतु सुभारती विश्वविद्यालय में प्रवेश ले लिया जहां एक तरफ दिल्ली से उन्हें शोध करने के लिए डॉक्टरेट फेलोशिप मिली वहीं दूसरी तरफ सुभारती विश्वविद्यालय में उनका शोध प्रस्ताव पास हो गया। अब क्या था सोविन्द्र कुमार त्यागी अपने शोध में लग गए और उन्होंने दिल्ली एनसीआर यानी दिल्ली और आसपास के क्षेत्र में शोध करना शुरू कर दिया और 2023 के अंत तक अपने शोध कार्य को पूरा कर 2024 के आरंभ में अपना शोध आख्या विश्वविद्यालय में एक तरफ आकलन के लिए जमा की दूसरी तरफ अनुसंधान हेतु दी गई स्कॉलरशिप के लिए संपूर्ण आख्या सामाजिक विज्ञान परिषद में भी जमा की 2024 के ही में महीने में इनके शोध को संतोषजनक घोषित किया गया और दिनांक 30 मई 2024 को ओपन मौखिक साक्षात्कार एवं प्रस्तुति के बाद कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से आए प्रोफेसर आर. के. गुप्ता ने सोविन्द्र कुमार त्यागी को पी.एचडी. के उनके कार्य पर बधाई देते हुए उन्हें अंतरिम पी.एचडी. की बधाई दी। इस मौके पर सुभारती लॉ कॉलेज के सभी शिक्षक, सुभारती लॉ कॉलेज के शोधार्थी एवं सुभारती के रिसर्च एंड डेवलपमेंट
सेल के निदेशक प्रोफेसर डॉ० ए.पी. गर्ग उपस्थित रहे। सभी लोगों ने सोविन्द्र कुमार त्यागी के प्रस्तुतीकरण और कार्य की सराहना की। इन्होंने अपने शोध में महत्वपूर्ण सुझाव दिए जिसमें सबसे महत्वपूर्ण सुझाव था की बलात्कार जैसे मामले के विचारण के लिए विशेष न्यायालय होने चाहिए, जहां मामलों का निस्तारण प्रतिदिन सुनवाई के आधार पर किया जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा की प्रारंभिक शिक्षा में छात्र-छात्राओं को आरंभिक कानून की शिक्षा के साथ पोक्सो एवं महिला शोषण संबंधी कानून की शिक्षा दी जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि किसी के साथ बलात्कार होने की स्थिति में वह पीड़ित परिवार के द्वारा और सताया जाता है ऐसे में जरूरी है कि हम माता-पिता को भी इस प्रकार के कानून से परिचित करायें और समझाएं की अपराध कभी भी कहीं भी किसी के साथ भी हो सकता है। ऐसे में जो विक्टिम है, जो पीड़ित है उसके साथ सहानुभूति होनी चाहिए और उसका मानसिक मनोबल संभालना चाहिए। सोविन्द्र कुमार त्यागी ने अपने शोध में लिखा की देश में कानून बहुत अच्छे हैं किंतु 70% से ज्यादा लोग कानूनी प्रक्रिया से अनभिज्ञ है जिस कारण वह कानून का लाभ नहीं ले पाते। उन्होंने यह भी कहा कि बलात्कार जैसी घटनाएं तभी खत्म होगी जब कम्युनिटी पुलिसिंग के साथ-साथ गैर सरकारी संस्थाओं का भी सहयोग लिया जाएगा। उनका संपूर्ण कार्य डॉक्टर वैभव गोयल भारतीय के निर्देशन में संपन्न हुआ और सोविन्द्र कुमार त्यागी ने इस शोध का संपूर्ण श्रेय अपनी माता एवं अपने शोध निदेशक को दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि वह इस शोध को अपनी पत्नी की मदद से ही पूरा कर पाए हैं और यह सब कुछ परमपिता परमेश्वर की कृपा से ही संभव हुआ है।