हटा दमोह संवाददाता पुष्पेन्द्र रैकवार
पति की लंबी उम्र के लिए महिलाओं ने रखा व्रत
सनातन धर्म में वट सावित्री का व्रत बहुत ही शुभ माना जाता है
वेद पुराण के अनुसार ज्येष्ठ मास में पढ़ने वाली अमावस्या महत्वपूर्ण है
इसके साथ ही इस दिन शनि जयंती भी पढ़ रही है इस दिन वट सावित्री व्रत के साथ शनि जयंती भी मनाई जाएगी शनि दोष से मुक्ति और धन समृद्धि प्राप्त करने के लिए यह खास दिन है
पूजा पाठ स्नान दान इत्यादि का फल अक्षय माना गया गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित है इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए बट वृक्ष की पूजा करती हैं
सभी मोहल्ले मंदिरों गांव में वट सावित्री व्रत की पूजा अर्चना की जा रही सुहागन महिलाओं ने मंगल वेश पहनकर वट वृक्ष के पत्तों को गहने बनाकर पहने
महिलाओं ने वट के पेड़ की कच्चे दूध चने फल फूल से पूजन अर्चन करते हुए 108 परिक्रमा निकाली
तो कहीं 108 दीपक जलाए गए महिलाओं ने वटवृक्ष पर वस्त्र भी चढ़ाए और अखंड सौभाग्य की कामना की और अविवाहित
युवतियो ने पूजन कर सूयोग्य वर की कामना की वट सावित्री व्रत की कथा कहानी सुनी गई
नगर के मंदिरों में महिलाओं की भीड़ उमड़ी और पूजन अर्चन करती हुई *श्री रैकवार* ने बताया कि सुहागिनों ने अपने पति की लंबी आयु की कामना से बरगद यानी वट वृक्ष के नीचे आज के दिन पूजा करती हैं मंदिरों में वट वृक्षों के नीचे खासी रौनक देखीं गई
इस दिन दान पुण्य भी करना चाहिए पितरों की शांति के लिए इस दिन तर्पण श्राद्ध आदि कर सकते हैं ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद सदा मिलेगा बट सावित्री व्रत के दिन बरगद के पेड़ पर गाय का शुद्ध दूध जल में मिलाकर चढ़ाना चाहिए ऐसा कहा सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है ऐसा कहा जाता है कि बरगद के पेड़ में भगवान विष्णु शिव जी और ब्रह्मा देव का वास होता है ऐसे में अगर बरगद के पेड़ की पूजा विधि अनुसार की जाए तो जीवन की सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती है क्योंकि यह वृक्ष साक्षात ईश्वर का प्रतीक माना गया
गौरीशंकर के पंडित रामसुजान पाठक द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हवन की पूर्ण आहुति करवाई और पूरे क्षेत्र की खुशहाली की मनोकामना की//