जिला उपायुक्त अनन्य मित्तल के निर्देशानुसार व्यस्क बी.सी.जी टीकाकरण को लेकर आयोजित हुई जिला टास्क फोर्स की बैठक

जिला परिषद अध्यक्ष, उप विकास आयुक्त, सिविल सर्जन समेत पंचायत राज, समाज कल्याण, शिक्षा विभागीय पदाधिकारी, एमओआईसी रहे मौजूद, सभी बीडीओ वी.सी से जुड़े

जुलाई से सितंबर माह तक चलेगा टीकाकरण कार्यक्रम, उप विकास आयुक्त ने टीकाकरण के रूपरेखा को लेकर दिए आवश्यक दिशा-निर्देश

जमशेदपुर (झारखंड)। टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत देश को 2025 तक टीबी मुक्त बनाने तथा इसके लिए जुलाई माह में शुरू होने वाले व्यस्क बी.सी.जी टीकाकरण अभियान को लेकर समाहरणालय सभागार में जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त श्री अनन्य मित्तल के निर्देशानुसार जिला टास्क फोर्स की बैठक आयोजित की गई ।

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जिला परिषद अध्यक्ष श्रीमती बारी मुर्मू, उप विकास आयुक्त श्री मनीष कुमार, सिविल सर्जन डॉ जुझार माझी, जिला पंचायत राज पदाधिकारी, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, सभी एमओआईसी समेत अन्य स्टेक होल्डर बैठक में उपस्थित रहे वहीं सभी बीडीओ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े।

बैठक में व्यस्क बीसीजी टीकाकरण कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया गया कि टीबी मरीजों की पहचान करने एवं उन्हें टीबी रोग से बचाव हेतु बीसीजी टीका दिया जाना है इसके लिए जिले के अलग-अलग संभावित क्षेत्र जहां वर्तमान में टीबी मरीज इलाजरत हैं अथवा उन क्षेत्रों जहां लोगों के टीबी रोग से पीड़ित होने की संभावना है को चिन्हित कर बृहद रूप से सर्वे किया जाना है। सर्वे के उपरांत चिन्हित व्यक्तियों को 1 जुलाई से बीसीजी का टीका दिया जाएगा।

जिला परिषद अध्यक्ष ने कहा कि भारत में जन्म के समय या जीवन के पहले साल के भीतर बच्चों को बीसीजी दी जाती है। यही टीका व्यस्कों को लगाया जाएगा, उन्होने हेड काउंट सर्वे पर बल देते हुए पंचायत जनप्रतिनिधियों की ओर से हरसंभव सहयोग को लेकर आश्वस्त किया।

उप विकास आयुक्त ने कहा कि वर्तमान में टीबी का इलाज संभव है, वहीं सदर अस्पताल सहित अन्य सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों में नि:शुल्क दवाईयां भी उपलब्ध हैं। इसके बावजूद जागरूकता के अभाव में कुछ लोग टीबी से ग्रसित होने के बाद स्वास्थ्य केन्द्र तक नहीं पहुंच पाते जिन्हें चिन्हित करना उद्देश्य है। उन्होने सर्वे पर विशेष बल देते हुए बताया कि ब्लॉक टास्क फोर्स की बैठक में भी टीकाकरण कार्यक्रम को लेकर पूरी रूपरेखा बना लें। सिविल सर्जन, जिला पंचायत राज पदाधिकारी, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी सहित अन्य सभी संबंधित विभागों को टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत किए जाने वाले सर्वे में अपना योगदान देते हुए गंभीरता पूर्वक कार्यों की निगरानी करने तथा सफलतापूर्वक सर्वे संपन्न कर 18 वर्ष से अधिक आयु के वैसे सभी व्यक्ति जिन्हें टीबी होने की संभावना हो अथवा उनमें किसी प्रकार का कोई लक्षण दिखाई दे चिन्हित करने का निर्देश दिया।

1 जुलाई 2024 से शुरू होने वाले व्यस्क बीसीजी टीकाकरण अभियान के तहत व्यापक जन जागरूकता फैलाने तथा लोगों के बीच किसी भी प्रकार की भ्रांति को दूर करते हुए चिन्हित किए गए लोगों का बीसीजी टीकाकरण सुनिश्चित करने के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए। सिविल सर्जन को टीकों के रखरखाव हेतु सुदृढ़ व्यवस्था रखने सहित अन्य आवश्यक निर्देश दिया गया ।

1 जुलाई से शुरू होने वाले एडल्ट बीसीजी टीकाकरण अभियान के तहत 18 साल से अधिक उम्र के 6 श्रेणियों के व्यक्तियों को लगाया जाएगा। इसमें जिन व्यक्तियों को पहले टीबी की बीमारी हुई हो, टीबी मरीजों के सम्पर्क में रहने वाले व्यक्तियों, 60 साल और उससे अधिक के बुजुर्ग, कुपोषित वयस्क, धूम्रपान करने वाले व्यक्ति तथा मधुमेह के मरीजों को बीसीजी का टीका लगाया जाएगा।

मधुमेह रोग से पीड़ित व्यक्ति जिनका बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) 18 से कम हो, वैसे व्यक्ति जिन्होंने विगत 5 वर्षों में अपना टीबी का इलाज कराया हो तथा वर्तमान में स्वस्थ हों उन्हें बीसीजी का टीका लगाया जाएगा।

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