^16 जून फादर्स डे पितृ चरण कमलेभयो नमः धरती पर पितामह, पर दादा, दादा, पिता भगवान का रूप हैं व परिवार की आधारशिला होते हैं, क्योंकि सृष्टिका सृजन माता की बिदिया व सभी समस्याओं का समाधान पिता से ही संभव है। पिता अपनी संतान को उंगली पकड कर चलना सिखता हुआ जीवन पर्यान्त संर्घष करता है। कहते है कि जिन पर पिता का साया होता है, उन पर शानिदेव की छाया नहीं पड़ती अर्थात् पिता की शक्ति के सामने शानिदेव भी सामर्थ्यहीन हो जाते हैं। पिता अपनी संतान को अपने से भी उच्च पद पर पदासीन होने की कामना करते हैं व उनमें ईष्या, द्वेष भेदभाव इन गुणों का अभाव रहता है। उनका अनुशासन संतान को एक अच्छा नागरिक बनाता है। अतः पिता का स्थान आकाश से भी ऊँचा है। पिता को कोटि-कोटि नमन प्रेषक उमा सोनी – महेश सोनीजडिया मार्ग – टीकमगढ़ म.प्र.