रिपोर्ट_ मानवाधिकार मीडिया मध्यप्रदेश पुष्पेन्द्र रैकवार
- मध्यप्रदेश सरकार के द्वारा गायओं की हिफाजत के लिए आये दिन नई-नई योजनाएं बनाई जा रही हैं। और उसको अमल में लाकर गाय की दिन रात सेवा की जा रही हैं।
- लेकिन ये और बात है इतना कुछ होने के बाद भी आये दिन गायओं को लेकर कोई न कोई नई घटना सामने आती है। जिसकी शिकार होकर मवेशी अपनी जान गवां देते है।
- फिर सरकार की बनाई सारी योजनाएं अपना ही मुहं ताकती नजर आती हैं।
किस योजना पर कितना अमल किया गया ये भी साफ नजर आता हैं।
ऐसे ही एक हकीकत हमारे सामने आई।
नगर के रामगोपाल जी वार्ड का मामला
विद्युत विभाग के पोल से रात के समय जब मवेशी को करेंट लगा तो वह मछली कि तरह तडफड़ता रहा
मोहल्ले के रहवासियों के द्वारा कई प्रयास किये लेकिन मवेशी को नहीं बचा सके जिसकी दर्दनाक मौत हो गई
जिसमें विद्युत विभाग के कर्मचारीयों की जरा सी लापरवाही से एक मवेशी कि हादसे का शिकार होकर अपनी जान गवां दी।
विद्युत विभाग के कर्मचारियों को जैसे ही सूचना मिली मौके पर पहुँच कर लाईन बंद कर वाई गई
म्रत मवेशी दो दिनों तक मोहल्ले के पास पडा़ रहा
लेकिन सवाल इस विषय पर उठ रहे कि मानसून आते ही नगर में करेंट कि ज्यादा परेशानी वार्ड वासियों को झेलनी पड़ती
जिसकी जानकारी वार्ड पार्षद को भी दी गई थी
जब जाके कल सायकाल के बाद रात्रि में उठवाया गया
लेकिन सवाल इस विषय पर उठ रहे कि मानसूनी आते ही नगर में करेंट कि ज्यादा परेशानी वार्ड वासियों को झेलनी पड़ती व कभी भी दुर्घटना शिकार हो जाये
बारिश के मौसम होने के कारण खम्बे में करेन्ट आ गया
जिसकी वजह से मवेशी खम्भे के पास लगी हरियाली में चर रही थी। तो अचानक खम्भे में करेन्ट आ गया और मवेशी इस हादसे का शिकार हो गई।
अब इसका जबाबदार कोन होगा जिसकी लपरवाही की वजह से एक मासूम जानवर की जान चली गई। वो तो मासूम जानवर था फरियाद भी नहीं कर सका। इस लापरवाही से किसी इंसान की भी जान जा सकती थी।
विद्युत विभाग के द्वारा आये दिन गाइड लाइन जारी की जा रही है। के बारिश के मौसम में विद्युत लाईन और डिपीयों से दूर रहा जाए। लेकिन लगता हैं खुद विद्युत विभाग के कर्मचारी इस बात को लेकर आवेयर नहीं है। बारिश को ध्यान में रखते हुए अपना काम पुरी निष्ठा के साथ करें ताकि कोई भी इंसान आगे चलकर इस तरह से विद्युत विभाग के कामचारियों की लापरवाही के चलते अपनी जान न गवाएं।