जिला उपायुक्त ने की पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के योजनाओं की समीक्षा, निर्धारित समयसीमा में योजना पूर्ण नहीं करने वाले संवेदकों को दी गई कार्रवाई की चेतावनी

सभी सरकारी स्कूल, आंगनबाड़ी केन्द्र, पंचायत भवन, स्वास्थ्य केन्द्र आदि को नल जल से आच्छादित करने का दिया गया निर्देश

जमशेदपुर (झारखंड)। समाहरणालय सभागार में आहूत बैठक में जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त श्री अनन्य मित्तल द्वारा पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के योजनाओं की समीक्षा की गई। उप विकास आयुक्त श्री मनीष कुमार, पीडी आईटीडीए श्री दीपांकर चौधरी, पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल जमशेदपुर व आदित्यपुर के कार्यपालक अभियंता, सभी एई, जेई बैठक में उपस्थित रहे । बैठक में जल जीवन मिशन योजना के तहत सौर ऊर्जा आधारित एवं नदी आधारित जलापूर्ति योजनाओं की समीक्षा किया गया।

मल्टी विलेज स्कीम (नदी आधारित जलापूर्ति) के तहत गांवों में सभी घरों तक नल से जल पहुंचाने के लिए संचालित 14 योजनाओं की विस्तृत समीक्षा की गई । इन योजनाओं से 09 प्रखंडों के 185 पंचायत अंतर्गत 1340 गांवों में नल से जल पहुंचाया जाना है । 02 योजनाएं अगस्त माह में पूर्ण हो जाएंगी वहीं शेष 12 योजनाओं को तेज गति से पूरा करते हुए निर्धारित समयसीमा में पूर्ण करने का निर्देश संवेदकों को दिया गया अन्यथा कार्रवाई की सख्त चेतावनी दी गई।

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उपायुक्त ने कहा कि एनओसी संबंधी समस्या हो या जमीन संबंधी, कार्यपालक अभियंता फॉलोअप करेंगे, वहीं समीक्षा में यह आगे भी पाया गया कि संवेदकों की लापरवाही से योजना पूर्ण करने में विलंब हो रहा तो संबंधित को ब्लैकलिस्ट करने की चेतावनी दी गई। उन्होने स्पष्ट कहा कि तय समयसीमा में योजना पूर्ण हो इसे संवेदक सुनिश्चित करेंगे।

उक्त 14 योजनाओं में घाटशिला का कुलियाना, पोटका ग्रामीण, बहरागोड़ा का गुहियापाल, मुसाबनी का बारूनिया, जमशेदपुर सदर का बेको, सुकलारा-बेलाजुड़ी, चाकुलिया का बुरुजबनी, धालभूमगढ़ का कोकपाड़ा-पावड़ा नरसिंहगढ़, जमशेदपुर सदर का छोटागोविंदपुर, जमशेदपुर सदर अंतर्गत बागबेड़ा का छूटा हुआ हिस्सा, जमशेदपुर सदर का पलाशबनी, गुड़ाबांदा का गुड़ाबांदा, बोड़ाम-पटमदा, जमशेदपुर सदर का हुरलुंग तथा पटमदा का बांगुरदा ग्रामीण पेयजलापूर्ति योजना शामिल है ।

समीक्षा के क्रम में पाया गया कि 61 बोरिंग ड्राई हो गए हैं । उपायुक्त द्वारा कारणपृच्छा की गई कि किन वजहों से बोरिंग सफल नहीं हो पाये, विस्तृत रिपोर्ट जमा करेंगे । साथ ही डीप बोरिंग किए जाने या पेयजल स्रोत का दूसरा विकल्प तलाशने का निर्देश दिया गया।

जहां पेयजल स्रोत की समस्या है उन पंचायतो को प्राथमिकता में रखते हुए प्रति पंचायत 10 नलकूप की योजना से आच्छादित करने का निर्देश गया । वहीं सभी सरकारी स्कूल, आंगनबाड़ी केन्द्र, पंचायत भवन, स्वास्थ्य केन्द्र आदि सरकारी भवनों को अनिवार्य रूप से नल जल से जोड़ने का निर्देश दिया गया।

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