रामगढ़ (झारखंड)। शनिवार को उपायुक्त, रामगढ़ श्री चंदन कुमार की अध्यक्षता में उनके कार्यालय कक्ष में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत बैठक का आयोजन किया गया।
बैठक के दौरान जिला कल्याण पदाधिकारी निशा कुमारी सिंह के द्वारा जानकारी दी गई कि वर्तमान में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत कल्याण विभाग के समक्ष चार मामले सामने आए हैं। बैठक के दौरान उपायुक्त ने अन्य अधिकारियों के साथ चारों मामलों के तहत अब तक किए गए कार्यो के संबंध में विचार विमर्श करने के उपरांत महत्वपूर्ण निर्देश दिए।
क्या है अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अधिनियम 1989
यह अधिनियम अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के सदस्यों के विरुद्ध किए गए अपराधों के निवारण के लिए है, अधिनियम ऐसे अपराधों के संबंध में मुकदमा चलाने तथा ऐसे अपराधों से पीड़ित व्यक्तियों के लिए राहत एवं पुनर्वास का प्रावधान करता है।
विशेषताएँ
यह अनुसूचित जातियों और जनजातियों में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ़ अपराधों को दंडित करता है।
यह पीड़ितों को विशेष सुरक्षा और अधिकार देता है।
यह अदालतों को स्थापित करता है, जिससे मामले तेज़ी से निपट सकें।