प्रेम भक्ति उपासना के आत्म मंथन से होंगे परमात्मा का दर्शन (सतानंद जी महाराज) — प्रयागराज मंडल से अभिषेक गुप्ता की रिपोर्ट
महारुद्राभिषेक एवं पार्थिव शिवलिंग का किया गया निर्माण
कर्तव्य पथ परिवार के तत्वाधान में आयोजित में मुंशी राम प्रसाद की बगिया नारायण वाटिका मुट्ठीगंज में श्री शिव महापुराण की कथा के पंचम दिवस पर कथा का रसपान कराते हुए पूज्य श्री सतानंद महाराज ने भगवान शिव की नौ प्रकार की भक्ति का वर्णन करते हुए कहा कि कलिकाल में जिसके जीवन में ईश्वर की भक्ति और कीर्तन है उसके जीवन में आनंद ही आनंद है और जिसके जीवन में ईश्वर की भक्ति नहीं उसका जीवन निर्थक है और नीच के समान है और कहा कि ईश्वर को अगर प्राप्त करना चाहते हो तो हृदय से राग द्वेष अहंकार मिटा दो और प्रेम भक्ति से अपनी आत्मा का मंथन करो क्योंकि प्रेम भक्ति उपासना के आत्म मंथन से होंगे परमात्मा का दर्शन
आगे व्यास जी ने माता सती जी के चरित्र का एवं शिव सती विवाह का वर्णन किया
*कथा के मुख्य यजमान सपना आर्या , राजेश केसरवानी राजेंद्र प्रसाद केसरवानी,राम जी केसरवानी, रहे*
मीडिया प्रभारी राजेश केसरवानी ने बताया की कथा के पूर्व महा रुद्राभिषेक एवं पार्थिव शिवलिंग का निर्माण किया गया
आज की कथा की आरती में कुमार नारायण, सतीश चंद्र केसरवानी, मोहित केसरवानी, साधना चतुर्वेदी, उर्मिला केसरवानी , शैलेंद्र गुप्ता, सांई बाबा,पिंटू कुमार, अजय अग्रहरि,आशा केसरवानी, उषा केसरवानी, धीरेंद्र चतुर्वेदी, आदि सैकड़ों भक्तगण रहे