अचलाराम जाखङ राजस्थान। राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय रतासर डेर में खेल कूद प्रतियोगिता सम्पन्न हुई। इस दौरान खेलो में नन्हे मुन्ने बच्चो ने बखूबी अपना हुनर आजमाते हुवे दमखम दिखाया । इस मौके पर शुभारंभ अवसर पर रतासर सरपंच श्री अमराराम खीचड़ मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता रतासर पीईईओ श्री रतनलाल धन्दे ने की। वही विशिष्ट अतिथि लालाराम सऊ, अति विशिष्ट अतिथि जीतेन्द्र जाखड़ कार्य. प्रिंसिपल जाखड़ो की ढाणी, पाबूलाल व्याख्याता, प्रेमाराम जांगिड़ रहे। कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वती की प्रतिमा के आगे द्वीप प्रज्ज्वलित कर की ।अमरा राम जी ने खेल को खेल की भावना से खेलने की बात कही।
इस दौरान समस्त विद्यालयों के दल प्रभारियों के साथ दल सुबह जोश व उमंग के साथ पहुंचे जो शाम तक पूरे चरम पर रहा। नन्हे मुन्ने बच्चो की अठखेलियाँ व दांव देखते ही बनते थे। बच्चो के ह्रदय के भाव मानो आसमां को छू रहे थे वही दर्शकों का उत्साह भी कम नही था। दिनभर दर्शकों व ग्रामीण जनों का तांता लगा रहा। कबड्डी व खो खो के खेल के बाद विश्राम काल / भोजनकाल हुआ। तत्पश्चात जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष फतेह मोहम्मद ने पधारकर बच्चो की हौसला अफजाही की जिसने बच्चो के जोश को चौगुना कर दिया।
भोजनकाल के बाद जिम्नास्टिक रेस व लम्बीकूद व फाइनल कब्बडी का मैच हुआ वही समापन कार्यक्रम से पूर्व ग्रामीणों व स्टाफ द्वारा रस्साकसी का खेल हुआ।
समापन :- समापन कार्यक्रम में पूर्व जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष श्री फतेह मोहमद ने मुख्य मेहमान के रूप में संबोधित करते हुवे जीतने वाली टीमो को बधाई दी। वही उन्होंने कहा कि हार जीत दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू है एक हारता है तो दूसरा जीतता है । जीवन की अभी शुरुआत है एक जीत से कोई सिकन्दर नही बनता है।
वही कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पीईईओ रतासर श्री रतनलाल जी धन्दे ने बच्चो की खेल भावना व अनुशासन की प्रशंसा करते हुवे भामाशाहो व ग्रामीण जनों का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर पूर्व सरपंच अस्कर जी, भोमा राम बेनीवाल, भानीरम सऊ, आसुराम सऊ, अमराराम सऊ आदि सेकड़ो ग्रामीण जानो ने नन्ने मुन्नो के खेल का आनंद उठाया
आयोजन में भामाशाहों की भूमिका अहम रही भोजन का सौभाग्य श्री डूंगराराम जी सऊ, साफा ओढ़ावनी श्री भानीराम जी सऊ परिवार,इनाम व्यवस्था श्री जगदीश जी सऊ स्मृति चिन्ह का सौभाग्य रामाराम व पुराराम जी सऊ,चाय पानी श्री आसुराम जी सऊ ने उठाया।
वही समस्त ग्रामीणों का सहयोग अवर्णनीय रहा सभी ने बढ़ चढ़ कर व्यवस्था का जिम्मा उठाया जिसकी बदौलत कार्यक्रम एक मेले के रूप में सम्पन्न हुआ।प्रतिवेदन मुकना राम मईया ने प्रस्तुत किया।