कजान: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार की रात BRICS नेताओं के लिए आयोजित डिनर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत किया। दोनों नेताओं को इस मौके पर गर्मजोशी से हाथ मिलाते हुए देखा गया। डिनर के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अन्य नेताओं के साथ म्यूजिक कंसर्ट का आनंद लेते भी नजर आए। बता दें कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी डिनर में नजर आए। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग की भी मुलाकात होने वाली है। मौजूदा वैश्विक परिस्थितियों को देखते हुए एशिया के दोनों बड़े नेताओं के बीच होने वाली मुलाकात पर पूरी दुनिया की नजरें हैं।
पीएम मोदी और पुतिन के बीच हुई थी बातचीत
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बातचीत के दौरान कहा कि रूस-यूक्रेन संघर्ष को शांतिपूर्ण तरीके से हल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत इस जंग को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने के लिए हर संभव सहयोग देने को तैयार है। पीएम मोदी ने 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए रूस के कजान शहर में पहुंचने के कुछ घंटों बाद पुतिन के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। उन्होंने टेलीविजन पर प्रसारित अपनी शुरुआती टिप्पणी में पुतिन से कहा कि भारत क्षेत्र में शांति और स्थिरता की शीघ्र बहाली का ‘पूर्ण समर्थन’ करता है।
3 महीनों में पीएम मोदी की यह दूसरी रूस यात्रा
पीएम मोदी ने इस मौके पर यह भी कहा कि पिछले 3 महीनों में रूस की उनकी दूसरी यात्रा दोनों देशों के बीच ‘घनिष्ठ’ तालमेल और गहरे विश्वास को दर्शाती है। उन्होंने कहा, ‘हम रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष के मुद्दे पर लगातार संपर्क में हैं। जैसा कि मैंने पहले कहा, हमारा मानना है कि समस्याओं का समाधान शांतिपूर्ण तरीके से किया जाना चाहिए। हम शांति और स्थिरता की जल्द बहाली का पूर्ण समर्थन करते हैं। हमारे सभी प्रयास मानवता को प्राथमिकता देते हैं। भारत आने वाले समय में हर संभव सहयोग देने के लिए तैयार है।’
9 जुलाई को भी हुई थी पीएम मोदी और पुतिन की मुलाकात
बता दें कि मॉस्को में 9 जुलाई को शिखर वार्ता में पीएम मोदी ने पुतिन से कहा था कि यूक्रेन विवाद का समाधान जंग के मैदान में संभव नहीं है। इसके कुछ सप्ताह बाद प्रधानमंत्री यूक्रेन गए थे। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ अपनी बातचीत में पीएम मोदी ने कहा था कि यूक्रेन और रूस को बिना समय बर्बाद किए जंग को खत्म करने के लिए बैठकर बातचीत करनी चाहिए। उन्होंने तब यह भी कहा था कि भारत क्षेत्र में शांति बहाल करने के लिए ‘सक्रिय भूमिका’ निभाने को तैयार है।