Hrithik Roshan:एक्टर ने कहा एक्टिंग की असल जर्नी कहो ना प्यार से नहीं इस फिल्म से हुई शुरू..



hrithik roshan :हिंदी सिनेमा में कई ब्लॉकबस्टर फिल्मों का चेहरा रहे अभिनेता ऋतिक रोशन आज अपना 51  वां जन्मदिन मना रहे हैं. खास बात है कि इस साल उन्होंने इंडस्ट्री में बतौर अभिनेता अपने पच्चीस साल भी पूरे कर लिए हैं. उनकी पहली फिल्म कहो ना प्यार है साल 2000 में सिनेमाघरों में दस्तक दिया था.सिनेमाघरों में यह फिल्म आज री रिलीज हुई है. हालिया हुई एक मुलाकात में उन्होंने बताया कि दर्शकों की प्रतिक्रिया जानने के लिए उत्साहित हूं. (हंसते हुए )मेरे मन में  यह बात भी आ रही है कि कहीं दर्शक ये ना सोचे कि पच्चीस साल पहले तो क्या सोच रहे थे.फिल्म को देखकर,लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है.

प्यार की कश्ती गाने की शूटिंग से पहले नहीं था सोया

फिल्म के गाने लोगों को बहुत पसंद आये थे. सच कहूं तो हर गाने से कुछ ना कुछ यादें जुडी हैं.प्यार की कश्ती गाने की शूटिंग में स्क्रीन पर मैं गिटार बजाता नजर आ रहा हूं.  वह गिटार  मुझे  शूटिंग के एक दिन पहले मिला था.मुझे वह प्ले करना था.मुझे ऐसा दिखाना था कि मैं गिटार बजाने में माहिर हूं,जो कि मैं नहीं था. मैंने पूरी रात फिजिकल मैचिंग साउंड के साथ की. रात भर सोया नहीं तब जाकर मैं शूटिंग पर म्यूजिक बीट्स के मद्देनजर बजा पाया था.आज में जब अपने बेटे को गिटार बजाते देखता हूं तो समझ आता है कि मैंने उस फिल्म में कितना बेसुरा गिटार बजाया था.

Advertisement

25 सालों के स्टारडम के बारे में नहीं सोचा था

जब कहो ना प्यार है रिलीज हुई थी. उस वक्त भी मैंने नहीं सोचा था कि मैं इस इंडस्ट्री में 25 सालों तक सामायिक रहूंगा। सच कहूं तो मैंने इतनी दूर का कभी नहीं सोचा था और ना आज भी सोचता हूं. मैं आज में जीता हूं.अगली फिल्म कौन सी होगी. उसमें मेरा समर्पण क्या रहेगा.बस उस बारे में फोकस रखता हूं. उससे ज्यादा नहीं.मुझे हर फिल्म के साथ कुछ नया एक्सपेरिमेंट करना. मेहनत करना पसंद है.

एक्टिंग की असल जर्नी इस फिल्म से हुई थी शुरू

इंडस्ट्री में मेरे पच्चीस साल पूरे हो गए हैं, लेकिन सही मायनों में मेरी एक्टिंग जर्नी फिल्म काबिल के बाद शुरू हुई है.उससे पहले मेरी हर फिल्म में एक्टिंग पूरी तरह से प्लान करके मैंने की थी. मुझे सांस ऐसे लेनी है. ये डायलॉग बोलते हुए सांस को रोकना है.यहां पर ये एक्सप्रेशन रखना है. लाइट फेस पर इतनी होनी चाहिए। मैं कुछ भी स्क्रिप्ट या डायलॉग के आगे नहीं जोड़ता नहीं था.काबिल में मैंने प्लान करके एक्टिंग नहीं की है.अपने अंदर के एक्टर को फ्री छोड़ा। डायलॉग में जो नहीं था. मैंने वो भी खुद से बोला। मैकेनिकल एक्टिंग नहीं बल्कि नेचुरल एक्टिंग की.

फिल्म निर्देशक के तौर पर

मुझसे फिल्मों के निर्देशन का सवाल भी अक्सर पूछा जाता है, लेकिन सच कहूं तो फिल्मों के निर्देशन को लेकर मैं अभी भी सोच तय नहीं कर पाया हूं.आने वाले चार -पांच सालों में शायद मेरे पास जवाब हो कि मैं फिल्मों का निर्देशन कर पाऊंगा या नहीं.क्या मुझमें इतनी समझ या विजन है कि मैं एक स्क्रिप्ट को परदे पर साकार कर सकता हूं.

अभी भी शर्मीला हूं

इंडस्ट्री में पच्चीस साल पूरे हो गए हैं, लेकिन मैं इसे लीगेसी या माइलस्टोन की तरह नहीं देख रहा हूं कि हां मैंने ये कर दिखाया है.मुझे अभी भी याद है कि जब कहो ना प्यार है रिलीज हुई थी. उस वक़्त मैं बहुत शर्मीला और बेचैन  सा रहने वाला इंसान था. मैं उस वक़्त एक भी प्रमोशनल इवेंट का हिस्सा नहीं बना था. फिल्म रिलीज होने के बाद गैटी अपने दोस्तों के साथ गया था. लोग मुझे छूने के लिए पागल हो रहे थे.मुझे उस वक़्त भी समझ नहीं आ रहा था कि ये अच्छा है या बुरा. मैं अपने दोस्तों से पूछ रहा था. उन्होंने कहा कि अच्छा है.सच कहूं तो मैं आज भी बहुत शर्मीला हूं .मैं इस जर्नी में मीडिया का शुक्रगुजार हूं. उन्होंने मुझे इस जर्नी में जिम्मेदार और जवाबदेह दोनों बनवाया है. 




Source link

Keep Up to Date with the Most Important News

By pressing the Subscribe button, you confirm that you have read and are agreeing to our Privacy Policy and Terms of Use
Advertisement