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श्रीलंका में तीन और सांसदों के समर्थन वापस लेने से राजपक्षे सरकार को झटका लगा है।इस महीने की शुरुआत में 156 सांसदों में से 39 ने राजपक्षे सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। अलग होने वाले समूह ने ऐलान किया था कि वह 225 सदस्यीय संसद में विपक्ष समेत किसी भी गठबंधन का साथ नहीं देगा।
कोलंबो। इस्तीफा देने के दबाव से जूझ रहे श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे की सरकार को तीन सांसदों के समर्थन वापस लेने के कारण बुधवार को एक और झटके का सामना करना पड़ा।
इस महीने की शुरुआत में 156 सांसदों में से 39 ने राजपक्षे सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। अलग होने वाले समूह ने ऐलान किया था कि वह 225 सदस्यीय संसद में विपक्ष समेत किसी भी गठबंधन का साथ नहीं देगा।
यह स्वतंत्र समूह सत्ता पर काबिज राजपक्षे परिवार के इस्तीफे समेत एक सर्वदलीय अंतरिम सरकार के गठन की मांग कर रहा है। श्रीलंका मुस्लिम काउंसिल (एसएलएमसी) के सांसद फैजल कासिम ने संसद को सूचित किया कि वह सांसद इशाक रहमान और एमएस तौफीक के साथ सरकार से अपना समर्थन वापस ले लेंगे।
तीनों सांसद विपक्षी समागी जन बालवेगया (एसजेबी) गठबंधन का हिस्सा थे, जिसमें एसएलएमसी शामिल था।
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वे वर्ष 2020 से राजपक्षे के सहयोगी थे और विवादास्पद 20ए के लिए मतदान किया जिसने राष्ट्रपति को पूर्ण शक्ति प्रदान की।
बुधवार की सुबह तब तीखी बहस हो गई जब संसद अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्धनाा ने विपक्षी दल के मुख्य नेता साजिथ प्रेमदासा के दावे को खरिज कर दिया। प्रेमदासा ने दावा किया था कि अध्यक्ष ने पार्टी नेताओं से कहा है कि अगर पार्टी के सभी नेता राष्ट्रपति से इस्तीफा देने का अनुरोध करते हैं, तो राजपक्षे इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं।
राजपक्षे के इस्तीफे की मांग को लेकर नौ अप्रैल को राजपक्षे के सचिवालय के पास से शुरू हुए लोगों के विरोध-प्रदर्शन का आज 12वां दिन है। वर्ष 1948 में ब्रिटेन से आजादी के बाद से श्रीलंका अभूतपूर्व आर्थिक उथल-पुथल से जूझ रहा है।
श्रीलंका में विदेशी मुद्रा की कमी के कारण संकट बढ़ गया है, जिसका अर्थ है कि देश मुख्य खाद्य पदार्थों और ईंधन के आयात के लिए भुगतान नहीं कर सकता है।
राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और उनकी श्रीलंका पोदुजाना (पेरामुना) सरकार के इस्तीफे की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन तेज हो गए हैं, क्योंकि देश में जरूरी चीजों की कमी और कीमतों के बढ़ने का सिलसिला जारी है।
श्रीलंका सरकार ने पिछले हफ्ते ही कह दिया था कि यूक्रेन में युद्ध और महामारी के कारण उसके लिए विदेशी कर्जदाताओं का कर्ज चुकाना असंभव हो गया है। श्रीलंका पर 35.5 अरब अमेरिकी डॉलर का कर्ज है।
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